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वीर वंदना -डा० शोभनाथ पाठक, मेघनगर जि० झाबुआ (म. प्र.)
वीर वंदना वरीयता अनंत है । वीर व्रत से ही गमक रहा दिगंत है। सत्य-शील-ब्रह्मचर्य पूर्ण साधना । सृष्टि से संवर की अपूर्व भावना। शांतिदूत त्रिशला सुत की महानता। विश्व के विहान में प्रकाश डालता।
थाती युग बोध की देता ही संत है।
वीर वंदना वरीयता अनंत है । भटके जन को उबारता ही धर्म है। जग का कल्याण ही महान कर्म है। त्रिविध ताप मुक्ति महावीर मंत्र है। अपनाने में जिसे जगत स्वतंत्र है । सन्मति सन्देश का कहीं न अंत है।
वीर व्रत से ही गमक रहा दिगंत है।
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