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उदयपुर में जैन समाज को अनेकों पी०एच०डी प्रोफेसरों का नेतृत्व प्राप्त है वहां बडी सुन्दर योजनायें, महावीर स्मारक, यूनिवर्सिटी में चेयर आदि बन रही है । हमारे संयोजक श्रीधाकड जी एवं डा० सौगानी, डा० प्र ेम सुमन, डा० कुन्दनलालजी कोठारी, श्री गणेशजी डाकलिया एवं वयोवृद्ध नेता श्री वलवन्तसिंह मेहता की भूमिकायें विशेष उल्लेखनीय हैं।
पाली जिले में श्रीयुत सम्पतमलजी भण्डारी, चन्दुलालजी कर विट एवं श्रमरचन्द जी गादिया श्रादि युवक साथी बहुत ही उत्साह पूर्वक कार्य में जुटे हुए हैं । पाली, जालोर, सिरोही जिला निवासियों ने 2 करोड की लागत के बहुत बड़े व आधुनिक साज सज्जा वाले होस्पीटल को बनाने की योजना बनाई है ।
राजस्थान के कतिपय तहसील मुख्यालयों व गांवों में बहुत सुन्दर कार्य हो रहे हैं, श्री लालचन्दजी सिंघी, ब्यावर घनराजजी जैन जैतारन, चांदमलजी दुगड प्रसिद भंवरलाल जी कर्णावट व देवेन्द्रकुमार हिरण राजसमन्द, भीकमचन्दजी कोठारी टोटगढ, सोहनलालजी म आमेट, दोपचन्दजी जैनाकुचामन, मोहनराजजी जैन पाली, माणकचन्दजी सोगानी श्रीलाल क वडिया, जीतमल जी चोपडा, आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय है ।
शिक्षा के क्षेत्र में कतिपय महामना महत्वपूर्ण सेवायें समाज को दे रहे हैं । सन्त पुरुष श्री केसरीमल जी सुगना की निरन्तर लगन और त्याग भावना का ही प्रतिफल है कि राणावस विद्याभूमि में परिरगत हो गया है और श्राज वहां स्कूल, कालेज, बोडिंग हाऊस के माध्यम से बालकों का बहुत ही सुन्दर भविष्य निर्माण हो रहा है । समाज के तपेतपाए नेता श्री फूलचन्द जी बाफना विद्यावाडी राणी के माध्यम से राजस्थान के नारी समाज को अनुपम शिक्षा प्रदान करने का प्रयत्न कर रहे हैं । उदय जैन कानोड में स्कूल के दायरे से आगे बढ़ कर कालेज की स्थापना कर रहे हैं । साहित्य के क्षेत्र में भी पर्याप्त प्रगति हुई है । प्राचार्य तुलसी के सानिध्य में प्रागम सम्पादन का कार्य निरन्तर चल रहा है। जैन विश्व भारती ने बहुत ही महत्वपूर्ण साहित्य का प्रकाशन क्रिया 1
आचार्य हस्तीमल जी के सानिध्य में बहुत ही खोजपूर्ण महत्वपूर्ण जैन धर्म का मौलिक इतिहास तैयार हो रहा है। जिसके दो खण्ड प्रकाशित हो चुके हैं । मधुकर मुनि की प्रेरणा से भगवान महावीर का सुन्दर जीवन चरित्र हमारे सम्मुख प्राया है। महावीर की तीर्थ क्षेत्र कमेटी व टोडरमल स्मारक ने अच्छा साहित्य प्रकाशन किया है ।
अगर चन्द जी नाहटा जैसे शोधकर्ता व डा० नरेन्द्र भानावत, डा० कस्तूरचन्द जी कासलीवाल, डा० प्रेम सुमन, डा० सौगानी जी जैसे तटस्थ विचारक व लेखक निरन्तर साहित्य सेवा कर रहे हैं। श्री देवीलाल जी सांमर ने कठपुतली के माध्यम से भगवान महावीर के जीवन और उपदेशों को बहुत ही मार्मिक और सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया हैं। अपनी भारतीय कला मण्डल की टीम के साथ वे शीघ्र ही विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। श्री महावीर राज गेलडा प्राध्यापक डूंगर कालेज बीकानेर हर वर्ष दर्शन परिषद् के माध्यम से विद्वानों को आमंत्रित करते हैं। यह परिषद् जैन विश्व भारती द्वारा आयोजित होती है ।
राजस्थान में इस वर्ष जैन एकता की प्रबल लहर भाई है और श्राज सम्पूर्ण समाज छोटेछोटे टुकड़ों में विभक्त न रहकर अपने प्रापको एक रूप में संगठित पा रहा है । इस वर्ष की सबसे
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