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________________ राजस्थान को भगवान महावीर निर्वाण शताब्दी की उपलब्धियां -श्री चन्दनमल बैद, वित्तमंत्री, राजस्थान, जयपुर पाज से ढाई हजार वर्ष पूर्व विश्व में एक गैरसरकारी तौर पर राजस्थान में अनेक महत्वऐसा दैदिप्यमान नक्षत्र अवतीर्ण हया था जिसने पूर्ण कार्य हुए हैं जिनका विस्तृत ब्यौरा दिया जाना सत्य और अहिंसा द्वारा संसार को वास्तविक सुख तो यहां सम्भव नहीं है परन्तु फिर भी यह उपयुक्त का मार्ग दिग्दर्शन कराया। यह थे जैनधर्म के होगा कि इन कार्यों का लेखा जोखा संक्षिप्त रूप प्रवर्तक 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर, जिनकी में कर लिया जावे। 25 वौं निर्वाण शताब्दी दिनांक 13 नवम्बर, 1. राजस्थान विधानसभा ने निर्वाण शताब्दी 1974 से मनायी जा रही है। समारोह के उपलक्ष में धार्मिक स्थानों पर पशु भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्तों के बलि निषेध करने के सम्बन्ध में एक बिल स्वीकार अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत किया। यह बिल अधिनियम के रूम में राजस्थान सरकार ने यह निश्चय किया कि भगवान महावीर में लागू किया जा चुका है। फलस्वरूप राजस्थान की इस 2500 वें निर्वाण वर्ष को राष्ट्रीय स्तर में सार्वजनिक स्थानों पर पशुबलि सर्वका के लिये पर मनाया जावे। तदनुसार इस कार्य के लिये बन्द हो गयी है। प्रधानमंत्रीजी की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति 2. राज्य सरकार ने 2600 वें निर्वाण वर्ष का गठन किया गया और साथ ही तत्सम्बन्धी के प्रथम तीन दिन के लिये व अंतिम तीन दिनों के कार्यक्रमों को पूरा करने के लिये 50 लाख रुपये लिये राज्य भर में शराब एवं मांस की विक्री पर की धनराशि स्वीकृत की। भारत सरकार ने देश रोक लगादी है। की सभी राज्य सरकारों को भी यह सलाह दी कि 3. सरकार ने फैसला किया है कि इस वर्ष वे भी अपने-अपने राज्यों में इसी प्रकार की समि- देशी व विदेशी शराब की दुकानों के लाइसेंसों में तियों का निर्माण कर निर्वाण शताब्दी समारोह कोई वृद्धि नहीं की जायेगी। का प्रायोजन करें। फलस्वरूप राजस्थान सरकार 4. राज्य भर में शताब्दी वर्ष में शिकारक ने र ज्यपाल महोदय की संरक्षकता में व मुख्यमत्री लिये कोई लाइसेंस जारी नहीं करने का निर्णय महोदय की अध्यक्षता में एक प्रभावशाली समिति लिया जा रहा है। का निर्माण कर निर्वाण महोत्सव के सम्बन्ध में 5. इस निर्वाण वर्ष में राजस्थान विश्वकिये जाने वाले कार्यक्रमों के लिये वर्ष 1974-75 विद्यालय में एक महावीर चेयर का निर्माण किया व 1975-76 के लिये 15 लाख रुपये की धन- गया है। इस चेयर की स्थापना हेतु राज्य सरकार राशि स्वीकार की। की ओर से विश्वविद्यालय को 4 लाख रुपये का ___ गत दो वर्षों में निर्वाण शताब्दी समारोह के अनुदान स्वीकार किया गया है। इसी प्रकार उक्यसिलसिले में समिति के सानिध्य से सरकारी व पुर विश्वविद्यालय में भी महावीर चेयर की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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