________________
22-110
वो निर्धारण महोत्सव, महासमिति, दिल्ली; श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कलकत्ता; "आदि की सेवाए चिरस्मरणीय हैं ।
भगवान् महावीर से सम्बन्धित साहित्य को योजनाबद्ध रूप में प्रकाशित करने वालों में स्वर्गीया श्रीमती रमा जैन, साहू शांति प्रसाद जैन, प्राचार्य तुलसी मुनि मुनि श्री विद्यानन्द, प्राचार्य रत्न देश - भूषण, श्री ऋषभदास शंका आदि के नाम विशेष स्मरणीय हैं ।
(ग) पत्र-पत्रिकाएँ : भगवान् महावीर के महापरिनिर्वाण के पच्चीस सौ वें सांस्कृतिक अवसर पर हिन्दी की अनेक पत्र-पत्रिकाओंों ने विशेषांक प्रकाशित किये जिनमें स्तरीय तथा विपुल सामग्री मिलती हैं । इनमें युगप्रधान प्राचार्य श्री तुलसी मुनि के तत्वावधान तथा डा० महावीर गेलड़ा के सम्पादन में जैन विश्व भारती, लाडनूं द्वारा प्रकाशित 'तुलसी- प्रज्ञा' को विशिष्ट महत्ता है । इसका प्रवेशांक जनवरी-मार्च, 1975 में प्रकाशित हुप्रा ।
अन्य पत्र-पत्रिकाओं में 'तीर्थकर' (सम्पादक : 'डा. नेमीचन्द जैन : इन्दौर) के 'निर्वाण अंक' ( नवम्बर, 1974 ) तथा 'वर्द्धमान अक' (अप्र ेल, 1975), श्री अमर भारती (प्रागरा : सम्पादक : श्रीचन्द सुराना 'सरस' एवं कलाकुमार ) के दो पुष्पों में 'श्रमण संस्कृति विशेषांक' (मार्च-अप्रैल एवं मई-जून, 1970 ) तथा ' महावीर जयन्ती विशेषांक' (अप्रैल, 1975) 'जैन-जगत' ( बम्बई : सम्पादक श्री ऋषभदास शंका तथा श्री चन्दनमल 'चांद') के 'परिनिर्वाण विशेषांक (नवम्बर, 1974) तथा 'भगवान् महावीर वन्दना विशेषांक' (दिसम्बर - जनवरी, 1975), 'सूत्रकार' (कलकत्ता : सम्पादक : स्नेही श्रात्मा) का 'पच्चीस सौ वां निर्वारण वर्ष : तीर्थंकर महावीर विशिष्टांक' (जनवरी-फरवरी, 1975), 'मालोक' ( कानोड : सम्पादक : बेदप्रकाश पालीवाल तथा सोहन लाल 00 बींग) का 'महावीर निर्वाण शताब्दी एवं
Jain Education International
पं० 'उदय' जैन प्रभिनन्दन विशेषांक, (197375), 'मालव प्रहरी' (उज्जैन : सम्पादिका : कृष्णा देवी गुप्ता) का 'वीर परिनिर्वाण विशेषांक' (14 नवम्बर, 197+ ), 'शताब्दी चर्चा ' ( जबलपुर: सम्पादक व्योहार राजेन्द्रसिंह, गणेश प्रसाद नायक तथा शालिगराम नेमा) का 'महावीर जयन्ती समारोह विशेषांक' (1970), 'प्रति प्रवाह' (दुर्ग : सम्पादक : बी० एल० जैन) का 'महावीर जयन्ती विशेषांक' ( 22 अप्रैल, 1975) भादि के नाम उल्लेखनीय हैं ।
राजस्थान जैन सभा, जयपुर श्री कपूरचंद पाटनी की अध्यक्षता तथा श्री भंवरलाल पोल्याका के प्रधान सम्पादकत्व एवं सम्पादक मण्डल के परामर्श- निर्देशन में प्रतिवर्ष महावीर जयन्ती पर 'महावीर जयन्ती स्मारिका' प्रकाशित करती है जो कि उत्कृष्ट कोटि की है :
भगवान् महावीर पच्चीस सौ वां निर्वाण महोत्सव समिति श्री अक्षयकुमार जैन तथा श्री एल० एल० अच्छा के सम्पादन में अपना मुखपत्र 'वीर परिनिर्वाण' प्रकाशित कर रही है। कानोड़ से श्री विपिन जारोली के सम्पादन में 'महावीर निर्वाण शताब्दी स्मारिका' (24 अप्रैल, 1965) प्रकाशित हुई ।
समापन एवं निष्कर्ष
भगवान महावीर स्वामी ने न केवल हिन्दी अपितु विश्व के साहित्यकारों तथा चिन्तकों को अनुप्रेरित तथा अनुप्राणित किया है । उन जैसा धीरोदात्त नायक प्राप्त कर हिन्दी साहित्य कृतकार्य हुआ है । वैसे ही पूर्व रूप से हिन्दी का जैन साहित्य अत्यन्त विशद रहा है परन्तु भगवान् महावीर स्वामी के महापरिनिर्वाण को ऐतिहासिक बेला में जो हिन्दी वाङ्मय श्राया है वह विश्व साहित्य की अक्षय निधि है । हिन्दी में भगवान् महावीर स्वामी पर लिखित समस्त ललित तथा शास्त्रीय साहित्य को सूचीबद्ध करके उसका विधिवत् तथा व्यवस्थित प्रकाशन होना चाहिए।
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org