________________
पर्यटन तथा नागर विमानन मन्त्री
MINISTER OF TOURISM & CIVIL AVIATION
Jain Education International
नई दिल्ली, दिनांक 28 अक्टूबर, 1975
देश
यह हर्ष का विषय है कि राजस्थान प्रा० निर्वाण महोत्सव महासमिति ने भगवान महावीर के
के
पुण्य पर्व पर "वीर निर्वाण स्मारिका" नाम से एक वृहद स्मारिका के प्रकाशन का निश्चय किया है, जिसका उद्देश्य भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना तथा राजस्थान में लोकहित के कार्यों की प्रकृति से जनता को परिचित कराना है । भगवान महावीर विश्व इतिहास के उन महान ज्योतिस्तम्भों में से हैं जिनसे मानव सभ्यता सदा प्रभावित एवं प्रेरणा ग्रहण करती रहेगी। उनका सबसे मुख्य संदेश प्राणिमात्र के प्रति करुणा एवं प्रेम की भावना थी । परन्तु यह वृत्ति व्यक्ति के जीवन में बिना कठोर त्याग, तपस्या और अपरिग्रह साधना के उत्पन्न नहीं हो सकती । तपःपूत, निष्काम निर्लोभ, हृदय ही देवीय करुणा की भूमिका तक पहुंच सकता है। जहां "अहिंसा" के अनन्य उद्गाता के रूप में भगवान महावीर सदा स्मरण किये जायेंगे वहां विश्व के प्रतिसूक्ष्म कान्तद्रष्टा महाषी विचारकों की कोटि में भी भगवान महावीर का स्थान सदा चग्रगण्य रहेगा। राजस्थान सरकार ने इस वर्ष को "अहिंसा वर्ष" घोषित करके इस युग पुरुष को उसकी पावन स्मृति के अनुरूप ही सक्रिय श्रद्धांजलि समर्पित की है जिसके लिए वह मुक्त हृदय से साधु वाद की पात्र है। मैं पापके प्रायोजन की पूर्ण सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं भेजता हूं ।
For Private & Personal Use Only
भगवान महावीर 2500 वां 2500 वें परिनिर्वाण वर्ष
(राज बहादुर)
www.jainelibrary.org