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१२. भोट देश में बौद्धधर्म एवं श्रमणपरम्परा का आगमन श्री पेमा गारवङ्ग
१४१-१४४ १३. जैनदर्शन में कर्म-सिद्धान्त डॉ. सुदीप जैन
१४५-१५५ १४. जैनाचारदर्शन का व्यावहारिक पक्ष डॉ. कमलेश कुमार जैन
१५६-१६१ १५. जैन श्रमण परम्परा और अनेकान्त दर्शन डॉ. अशोक कुमार जैन
१६२-१६८ १६. प्राकृत कथा-साहित्य : उद्भव, विकास एवं व्यापकता डॉ. जिनेन्द्र जैन
१६९-१७६ १७. शौरसेनी प्राकृत साहित्य के प्रमुख आचार्य
और उनका योगदान डॉ. फूलचन्द जैन ‘प्रेमी'
१७७-२१३ १८. काशी और जैन श्रमण परम्परा __डॉ. सुरेश चन्द्र जैन
२१४-२२४ लघु-ग्रन्थमाला १. सच्चस पो सं. प्रो. लक्ष्मी नारायण तिवारी
१-५६ २. बुद्धघोसुप्पत्ति सं. डॉ. वीरेन्द्र पाण्डेय
१-३९ ३. क्रियासङ्ग्रहः
सं. प्रो. रामशङ्कर त्रिपाठी ४. षड्दर्शनेषु प्रमाणप्रमेयसमुच्चयः सं. कुमार अनेकान्त जैन
१-१९ ५. सद्दबिन्दु सं. डॉ. सुरेन्द्र कुमार
१-३२ ६. निरौपम्य स्तव एवं परमार्थ स्तव सं. प्रो. थुबतन छोगडुब
१-१९
१-१५
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