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________________ १६२ · श्रमणविद्या 17 [छ] 192 छच्चेव णोकसाया 59 छन्वोस सत्तावीसा छन्वीस सत्तवीसा य 146 छक्कं दुगम्हि णियमा छण्हं आवलियाणं 134 49 29 37 195 88 2 212 196 245 226 240 172 126 227 68 160 224 98 खुद्धभवग्गहणं पुण खेत्तम्हि च भज्जाणि खेत्तभवकालपोग्गल [ग] गणणादियंतसेढी गहणं मणुण्णमग्गण गाहासदे असीदे गुणहीणमंतरायं गुणदो अणंतगुणहीणं गुणसेढि अणंतगुणा गुणसे ढि अणंतगुणा गुणसेढि अणंतगुणा गुणसेढि अणंतगुणे -गुणसेढि असंखेज्जा गुणसेढि असंखेज्जा गुणसेढि असंखेज्जा गुणसे ढि असंखेज्जा ... [च] धक्खू सुदं पुधत्तं चत्तारि तिग चदुक्के चत्तारि य खवणाए चत्तारि य तिण्णि उभे चसारि य पट्ठवए चत्तारि वेदयम्मि दु चदुविधमणवचिजोगे चदुर दुगं तेवीसा चरिमे बादररागे चरिमो य सुहमरागो चरिमो बादररागो चरिमं वेदयमाणो चोदसग दसग सत्तग घोड्सग णवगमादी चोद्दस छसु पयडीसु जसणाममुच्चगोदं 212 जा चावि बज्झमाणी 150 जाव ण छदुमत्थादो 143 जा वग्गणा उदीरेदि 165 जा हीणा अणुभागेण जे चावि ण वेदयदे 146 जे धावि य अणुभागा 144 जे जे जम्हि कसाए 149 जो कम्मंसो पविसदि जोगे अण्णदरम्हि य जोगे कसाय उवजोगे जो जम्हि संछुहंतो जो जम्हि संछुहंतो जो जं संकामेदि जं किट्टि वेदयदे जं किट्टि वेदयदे जं चावि संछुहंतो जं चावि संछुहंतो जं चावि संछुहंतो जं जं खवेदि किट्टि ज वेदेंतो किट्टि [झ] 209 झीणट्ठिदिकम्मसे 215 झंझा दोस विवादो 32 [2] 52 ट्ठिदि अणुभागे अंसे 35 ट्ठिदि उत्तरसेढोए 91 239 140 62 168 177 217 216 244 218 216 126 86 157 201 संकाय पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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