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________________ कसा पाहु १४९ 161) अपवर्तन ( अपकर्षण) और उद्वर्तन ( उत्कर्षण) कृष्टि-वर्जित कर्मों में होता है, किन्तु अपवर्तना नियम से कृष्टिकरण में जानना चाहिए । 162) कृष्टियाँ कितनी होती हैं और किस कषाय में कितनी कृष्टियाँ होती हैं ? कृष्टि करने में कौन-सा कारण होता है और कृष्टि का लक्षण क्या है ? 163) संज्वलन क्रोधादि कषायों की बारह, नौ, छह और तीन कृष्टियाँ होती हैं, अथवा अनन्त कृष्टियाँ होती हैं। एक-एक कषाय में तीन-तीन कृष्टियाँ हैं अथवा अनन्त कृष्टियाँ होती हैं । 164) चारों कषयों की स्थिति और अनुभाग का नियम से अपवर्तन करता हुआ ही कृष्टियों को करता है । स्थिति और अनुभाग को बढ़ाने वाला कृष्टि का अकारक होता है, ऐसा मानना चाहिए । 165) लोभ की जघन्य कृष्टि को आदि लेकर क्रोधकषाय की सर्वपश्चिमपद (अन्तिम उत्कृष्ट कृष्टि) पर्यन्त यथाक्रम से अवस्थित संज्वलन कषाय रूप कर्म के अनुभाग गुणश्रेणी अनन्तगुणित है, यह कृष्टि का लक्षण है । (166) कितने अनुभागों में तथा कितनी स्थितियों में कौन कृष्टि है ? यदि सभी स्थितियों में सभी कृष्टियाँ सम्भव हैं, तो क्या उनकी सभी अवयव स्थितियों में भी सभी कृष्टियाँ सम्भव हैं, अथवा प्रत्येक स्थिति पर एक -एक कृष्टि सम्भव है ? 167) सभी कृष्टियाँ सर्व असंख्यात स्थिति- विशेषों पर नियम से होती हैं । तथा प्रत्येक कृष्टि नियम से अनन्त अनुभागों में होती है । 168) सभी संग्रह कृष्टियाँ और उनकी अवयव कृष्टियाँ समस्त द्वितीय स्थिति में होती हैं, किन्तु वह जिस कृष्टि का वेदन करता है, उसका अंश प्रथम स्थिति में होता है। 169) कौन कृष्टि प्रदेशाग्र, अनुभागाग्र तथा काल की अपेक्षा किस कृष्टि से अधिक है, समान है अथवा हीन है ? एक कृष्टि से दूसरी में गुणों की अपेक्षा क्या विशेषता है ? 170) क्रोध को द्वितीय संग्रहकृष्टि से उसकी ही प्रथम संग्रहकृष्टि प्रदेशाग्र की अपेक्षा संख्यातगुणी होती है । द्वितीय संग्रहकृष्टि से तृतीय संग्रहकृष्टि विशेष अधिक होती है । इस प्रकार यथाक्रम से शेष तीनों विशेष अधिक होती हैं । संकाय पत्रिका - २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014029
Book TitleShramanvidya Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1988
Total Pages262
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size9 MB
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