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द्वार लिखित पुस्तकों का एवं भजनावली आदि का प्रकाशन विशेष उल्लेखनीय हैं । (स) सामाजिक गतिविधियाँ:
जैन सभा की गतिविधियाँ केवल समारोह प्रायोजन एवं साहित्यप्रचार तक ही सीमित नहीं हैं अपितु जब भी सामाजिक क्षेत्र में कोई समस्या उत्पन्न हुई सभा ने आगे आकर यथासम्भव समाधान करने का प्रयत्न किया है। राजस्थान विधान सभा में प्रस्तुत नम्न विरोधी बिल को वापिस कराने तथा राजस्थान ट्रस्ट में आवश्यक संशोधन कराने, राज्य सरकार से अनन्त चतुर्दशी एवं संवत्सरी का ऐच्छिक अवकाश स्वीकृत कराने, सांगानेर में जमीन से प्राप्त जैन मूत्तियों को समाज के सुपुर्द कराने तथा आयकर में हुये संशोधन से समाज को अवगत कराने पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम की जानकारी देने एवं विरोध प्रकट करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किये हैं । समाज में व्याप्त कुरूढ़ियों और कुरीतियों के विरुद्ध भी यह सभा सदैव जागरूक रही है । समाज में सगाई एवं विवाह आदि के अवसर पर दहेज की मांग, ठहराव आदि को सदैव बुरी दृष्टि से देखती रही है और इन बुराइयों को दूर करने में सदैव प्रयत्नशील है ।
युवकों को नैतिकता और धर्म की ओर आकृष्ट करने के लिये सभा शिक्षण शिविर लगाने की योजना रखती है । वर्तमान परिस्थिति के सन्दर्भ में धार्मिक ज्ञान के प्रसार के लिये श्रावश्यक वाचनालय प्रारंभ करने का भी विचार है । योग्य छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां देने तथा असहाय विधवाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु श्रौद्योगिक प्रशिक्षण देने की भी एक योजना विचाराधीन है । नवयुवकों को पश्चिमी सभ्यता से परे हटाने के लिए सात्विक एवं सांस्कृतिक क्लबों की स्थापना
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तथा विचार गोष्ठियों द्वारा सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागृति करना भी सभा के लक्ष्य हैं ।
सभा की प्रार्थिक स्थिति तथा संगठनात्मक पहलू सुदृढ़ नहीं है इस कारण चाहते हुये भी सभा अपने लक्ष्यों को पूर्ण करने में असमर्थ रही है । आप सबके तन-मन-धन के सहयोग से प्राशा है भविष्य में लक्ष्यों को प्राप्त करेगी ।
सभा द्वारा सम्पन्न किये जाने वाले विभिन्न आयोजनों व कार्यक्रमों में जहाँ कार्यकारिणी समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा है वहां सर्वश्री देवेन्द्रराजजी मेहता, हीराचन्द वैद, तिलकराज जैन, निहालचंद जैन, राजरूप टांक, हीराभाई एम. चौधरी, पं. मिलापचन्द शास्त्री, केवलचन्द ठोलिया, जसवन्तसिंह साँघी, डा० हुकमचंद भारिल्ल, पन्नालाल बांठिया, मूलचन्द पाटनी, रमेशचन्द पापड़ीवाल, प्रकाशचन्द जैन, तेजकरण इंडिया, माणिक्यचन्द्र जैन, सूरजमल बंद, नवीनकुमार बज, सौभाग्यमल रांक्का, डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल, विनयकुमार पापड़ीवाल, देशभूषण सौगानी, रामचरण जैन, अशोक लुहा - डिया, देव कुमार साह, कैलाशचन्द सौगानी, राजकुमार जैन, राजकुमारजी बरड़िया, ताराचन्दजी चौकड़ायत, अशोककुमारजी पांड्या मुन्नीलालजी अजमेरा, सुरेन्द्रकुमारजी जैन यादि के सहयोग को भी भुलाया नहीं जा सकता | श्री वीर सेवक मण्डल और अन्य सभी शिक्षण संस्थानों भजन मण्डलियों आदि का भी सभी कार्यक्रमों में पूर्ण रचनात्मक सहयोग रहा है । सभा सभी व्यक्तियों एवं संस्थानों के प्रति आभार प्रकट करती है ।
समाज के प्रत्येक सदस्य से सभा को तन, मन एवं धन द्वारा सहयोग एवं सुझाव की अपेक्षा के नम्र निवेदन के साथ |
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