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पोल्याकाजी युग-युग जीयें और स्वास्थ्य उनका साथ दे ।
स्मारिका के लिये जिन लेखकों ने सामग्री भेजी है वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं । अनेक लेखकों को निराश होना पड़ रहा है । उनकी रचनायें प्रकाशित नहीं की जा सकी इसके अनेक कारण हैं । मैं ऐसे सभी लेखकों से क्षमाप्रार्थी हूं ।
स्मारिका के प्रकाशन में व्यवस्थापक समिति के संयोजक श्री सुमेरकुमार जी जैन, एवं उनके व्यवस्थापक मण्डल के सभी सदस्यों का मैं अत्यन्त श्राभारी हूं विशेषकर श्री ज्ञानचन्द झांझरी, श्री देशभूषण जी सौगानी एवं श्री मदनलालजी बढ़ियाल वाले का जो सहयोग विज्ञापन एकत्रित करने में रहा है वह उसी का कारण है कि यह स्मारिका समय में पाठकों के समक्ष उपलब्ध है ।
राजस्थान जैन सभा की कार्यकारिणी के मेरे सभी साथी निरन्तर सभा की गतिविधियों में पूर्ण सहयोग देते रहते हैं यही कारण है कि सभा नई नई गतिविधियां लेकर भी सदैव सफल रही है । इस अवसर पर सभा के मंत्री श्री बाबूलालजी सेठी के बारे से कहे बिना मैं नहीं रह सकता हूं । श्री सेठजी सभा के प्राण हैं एवं मूक सेवक हैं, सदैव सभा के लिये कुछ न कुछ करते रहना उन्होंने अपने जीवन का एक अंग समझ लिया है । मैं - उनका भी अत्यन्त आभारी हूं जिनके कारण सभा की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं ।
सभा के प्रत्यन्त वरिष्ठ सदस्य श्री कपूरचन्दजी पाटनी मेरे मार्गदर्शक हैं । कोई भी दिक्कत आने पर मैं अपनी समस्या का समाधान पाटनीजी से ही पाता हूं जो सदैव एक सच्चे मित्र की भांति उभी गुत्थियों को सुलझाने में मेरी मदद करते हैं | राजस्थान जैन सभा श्री पाटनीजी के प्रयासों से ही प्राज के स्वरूप में पहुंच सकी है। मैं उकका अत्यन्त आभारी हूं ।
सभा के विभिन्न कार्यक्रमों में सभा के दोनों उपाध्यक्ष सर्वश्री ताराचन्दजी साह एवं श्री सुमेर
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कुमारजी जैन का एवं सभा के दोनों संयुक्त मन्त्री श्री रमेशचन्द्रजी गंगवाल एवं श्री राजेन्द्रजी बिल्टीवाला का तथा श्री तेजकरणजी सौगानी, श्री ज्ञानप्रकाशजी वरूशी श्री प्रकाशचन्द्रजी ठोलिया, श्री भागचन्दजी छाबड़ा श्री सुरज्ञानीलालजी लुहाड़िया, श्री बलभद्रजी जैन, श्री महेशचन्द्रजी काला श्री सुभाषजी काला, एवं अन्य सभी सदस्यों का प्रभारी हूं जिनके सहयोग से सभा का कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हो रहा है ।
इस वर्ष महावीर जयन्ती के अवसर पर विभिन्न समिति के संयोजकों एवं उनकी समिति के सदस्यों कि जिनका नाम स्मारिका में अन्यत्र प्रकाशित है, का भी मैं पूर्ण प्रभारी हूं जिनके कारण ही इस वर्ष यह प्रायोजन सफल हो का है।
सम्पूर्ण समाज का विशेषकर श्रद्धेय श्री राजरूपजी टॉक, श्री हीराचन्दजी चंद, श्री प्रवीणचन्द्रजी छाबड़ा, श्री देवेन्द्रराजजी मेहत्ता, श्री नरेशकुमारजी सेठी, श्री निहालचन्दजी जैन श्री कैलाशचन्दजी चौधरी आदि का जो सहयोग मिलता रहा है जिसके परिणाम स्वरूप ही हम आगे की मंजिल तलाश करते रहते हैं ।
सभा कुछ नये कार्यक्रम शीघ्र ही हाथ में लेने को है । समाज के सहयोग से ही उनकी सफलता सम्भव हो सकेगी।
अन्त में मैं मनलाइट प्रिंटर्स के व्यवस्थापक श्री महाबीर प्रसादजी जैन का भी प्रत्यन्त आभारी हूं जिनके सतत् प्रयत्नों से स्मारिका समय पर प्रकाशित हो सकी है ।
स्मारिका को काफी रोचक एवं सुन्दर बनाने का प्रयास किया गया है फिर भी कोई कमी रही हो तो इसकी जिम्मेवारी मेरी ही मानी जानी चाहिए । प्राशा है पाठक स्मारिका को पसन्द करेंगे। भगवान महावीर मुझे सन्मार्ग से अडिग न होने दें इसी भावना के साथराजकुमार काला अध्यक्ष राजस्थान जैन सभा, जयपुर
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