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भाशीर्वचन उपाध्याय विद्यानन्द मुनि
२६६२, काजी वाड़ा दरियागंज, दिल्ली
१६-३-७७ राजस्थान जैन सभा महावीर जयन्ती के पुनीत पर्व पर एक स्मारिका का प्रकाशन कर रही है समयानुकूल कार्य है।
स्मारिका में प्रकाशित सामग्री पठनीय एवं प्रमाणित हो यही स्मारिका की विशेषता है।
स्मारिका पाठकों के लिए उपयोगी हो यही मेरी शुभाशीर्वाद
शुभाशीर्वाद सन्देश
राज भवन
बैगलोर
मार्च 5, 1977 मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि भगवान महावीर के जयन्ती-समारोह के अवसर पर राजस्थान जैन सभा एक जयन्ती स्मारिका प्रकाशित करने जा रही है। स्मारिका में जैन दर्शन, इतिहास, संस्कृति तथा साहित्य पर प्रतिष्ठित विद्वानों के गवेषणापूर्ण लेखों के प्रकाशन से उसकी उपयोगिता बहुत बढ़ जायगी। ऐसी स्मारिका को सब ही प्रबुद्ध पाठक प्राप्त करना तथा ध्यान से अध्ययन करना चाहेंगे । राजस्थान जैन समाज के इस प्रायोजन का में स्वागत करता हूँ और यह हार्दिक कामना करता हूँ कि स्मारिका सर्वाङ्ग सुन्दर तथा सर्वोपयोगी सिद्ध हो ।
-उमाशंकर दीक्षित राज्यपाल, कर्णाटक
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