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BI. विनोबा भावे श्रमण संस्कृति पृ० 57 32. प्राचार्य नेमिचन्द्र - प्रतिष्ठातिलक 374-78 33. ऋग्वेद 2/9/22/4/1 34. वही-4/3/9/52/5 35. वही - 3/86/5 36. दिग्वासास्तरुणो रूपवांश्च कार्योऽर्हतां देवः ।'
वराहमिहिर संहिता 45/58 37. वाल्मीकि योग वासिष्ठ 6/173/34
वेदान्ताहत सांख्य सौगतगुरुयम्क्षादि सूक्तादृशो।" 38. ब्राह्म शैवं वैष्णवं चश्सौंर शाक्तं तथाईतम् ।"
वायु पुराण 104/16 39. श्रीमद्भागवत 5/3/20 40. पद्मपुराण 13/350 41. विष्णुपुराण 17-18 अध्याय 42. स्कन्दपुराण 36-37-38 अध्याय 43. शिवपुराण 5/4-5 44. मत्स्यपुराण 24/43-49 45. देवी भागवत-4/13/54-57 46. अर्हततं महाधर्म माया मोहेन तेयतः । प्रोक्तास्त माश्रिता धर्ममाहतास्तेन तेऽभवनू ।
-विष्णु पुराण 3/18/12 47. विष्णु पुराण-3/18/13-14 48. वही 3/18/27 49. वही 3/18/25 50. वही 3/18/28-29 51. वही 3/18/8-11 52. ऋग्वेद 1/23/174/2-3 53. ऋग्वेद 10/11/136,2,3. 54. वातरशनाः वातरशनस्य पुत्राः मुनयः प्रतीन्द्रियार्थदशिनो जूतिवात जूतिप्रभृतयः पिशंगां पिशंगानि कपिलवर्णानि मला मलिनानि वत्कलरूपाणि वासांसि वसते आच्छादयन्ति ।
-सायरस भाष्य 10/136/2 55. वही 10/135-7 56. वातरशना हवा ऋषयः श्रमणाः उर्वमन्थिनो वभूवुः
-तैत्तिरीयारण्यक 2,7/1 पृ. 137 57. वृहदारण्यकोपनिषद 4/3/22 58. तपसा भुञ्जते चापि श्रमण भुञ्जते तथा ।
-रामायण बालकाण्ड, सं. 14 श्लोक 22
महावीर जयन्ती स्मारिका 11
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