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द्वितीय खण्ड
कला, संस्कृति और साहित्य 1. तमिल भारती को जैन मनीषियों का योगदान श्री रमाकान्त जैन 2. जैसलमेर का जैन शिल्प
प्रि. श्री कुन्दनलाल जैन 3. प्राचीन जैन राम साहित्य में सीता
डा. लक्ष्मीनारायण दुबे 4. श्वेत श्री (गद्य काव्य)
श्री सुरेश सरल 5. पंच मुक्तक
पं. प्रेमचंद दिवाकर 6. रयणसार के रचयिता कौन ?
पं. बंशीधरजी शास्त्री 7. प्राकृत साहित्य में श्री देवी की लोक परम्परा श्री रमेश जैन 8. यह मानव जीवन (गद्य काव्य)
कु. ऊषाकिरण 9. श्रम साधना और श्रमण संस्कृति
डा. कृपाशंकर व्यास 10. कब से दिन दिखेंगे (गद्य काव्य)
श्री मंगल जैन 'प्रेमी' 11. भ. महावीर : मूर्तिलेखों व शिलालेखों में
डा. शोभनाथ पाठक 12. एक सत्य का द्वार (कविता)
श्री भवानीशंकर 13. खारवेल की तिथि
श्री नीरज तथा डा कन्हैयालाल 14. भ. महावीर और बुद्ध की परम्पराओं में डा. प्रेमसुमन जैन
जन भाषाओं का विकास 15. जब हम तुमको देख सकेंगे (कविता)
श्री अनोखीलाल अजमेरा 16. क्या विमलसूरि यापनीय थे ?
डा. कुसुम पटोरिया 17. असम्पृक्त लगाव (गद्य काव्य)
डा. नरेन्द्र भानावत 18. संगीत लहर (गद्य काव्य)
श्री उदयचन्द्र प्रभाकर शास्त्री 19. प्रिंस आफ वेल्स संग्रहालय में कांस्य मूर्तियां डा. ब्रजेन्द्रनाथ शर्मा 20. महावीर की वाणी (कविता)
श्री ज्ञानचंद्र जैन 21. एक विचित्र जिन बिम्ब
श्री शैलेन्द्रकुमार रस्तौगी 22 अहिंसा (गद्य काव्य)
श्री सेठिया 23. श्रमण संस्कृति की प्राचीनता
श्रीमती चन्द्रकला जैन 24. जैनपुर जयपुर
डा. कस्तूरचंद कासलीवाल 25. अमृत वचन
प्र. भू. लाडलीप्रसाद जैन 26. मंगल गीत (कविता)
डा. बड़कुल 27. बाहर का विज्ञान बढ़ाया कितना (कविता) श्री निहालचंद जैन 28. चित्रित जैन पाण्डुलिपियों का क्रमिक विकास कु. कमला जैन 29. जैन धर्म का भारतीय कला और
श्री सुदर्शन जैन संस्कृति को योगदान |
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