________________ प्राचीन बंधाली के आदर्श 33 वैशाली का सातवा आदर्श था धार्मिक पुरुषों को स्वतन्त्रतापूर्वक आने-जाने देना और राज्य में उनकी रक्षा का बन्दोबस्त रखना। वास्तव में किसी भी उन्नत राष्ट्र की यही कसोटी है कि उसमें धामिक पुरुष अपवा किसी प्रकार की हानि न पहुंचाने वाले जिज्ञासु पुरुष बिना किसी कठिनाई के आ-जा सकतेया नहीं और वहाँ निर्भय होकर घूम सकते है या नहीं। अगर इस प्रकार की सुविधा नहीं है, तो उस राष्ट्र को पूरे अर्थ में सभ्य नहीं माना जा सकता। भगवान बुद्ध ने प्राचीन वैशाली के जिन आदर्शो को बतलाया है, उनके अनुसार चलने की जरूरत अभी भी हमें है। ये आदर्श वस्तुतः सब काल के लिए अनुकरणीय हैं / इनका पालन करके ही कोई राष्ट्र सच्चे अर्थ में प्रजातन्त्र का विकास कर सकता है। इसलिए प्राचीन वैशाली के आदर्शों से प्रेरणा लेकर अपनी जन्मभूमि का नवनिर्माण करना हमारा परम कर्तव्य है। + . . य C adhures