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वर्णी-अभिनन्दन ग्रन्थ
थे । इन्होंने नरवरगढको जीतनेका असफल प्रयास किया था, और आगे चलकर नरवरगढ़ तोमरोंके अधीन हो भी अवश्य गया था; क्योंकि वहांके जय-स्तंभ पर तोमरोंकी वंशावली उत्कीर्ण है । डूंगरेन्द्रदेवका जैनधर्मको प्रोत्साहन
डूंगरेन्द्रदेव अपनी राजनीतिक चातुरी एवं वीरताके लिए तो प्रसिद्ध हैं ही, साथ ही उनका नाम ग्वालियर-गढकी जैनमूर्तियों के निर्माताके रूपमें भी अमर रहे गा । उनके राज्यकालमें इन अद्वितीय प्रतिमाअोंका निर्माण प्रारंभ हो गया था । इन महाराजके काल में अनेक समृद्ध भक्तोंने अपनी श्रद्धा एवं सामर्थ्यके अनुरूप विशाल जैन प्रतिमाओंका निर्माण किया और इन प्रतिमानोंकी चरण चौकियोंपर अपने साथ अपने नरेशका भी उल्लेख कर दिया । विक्रम संवत् १४९७ तथा १५१० की कुछ मूर्तियोंकी चरण चौकीपर उनके निर्माण संवत्के साथ साथ गोपाचल दुर्ग, महाराज डूंगरेन्द्रसिंहका उल्लेख है । पितृपादानुगामी कीर्तिसिंह--
__ महाराज डूंगरेन्द्रदेवके तीस वर्षके शासनकालके पश्चात् उनके पुत्र कीर्तिसिंहका राज्य प्रारंभ हुा । उन्हें भी अपने २५ वर्षके लम्बे राज्यकालमें कभी जौनपुर और कभी दिल्लीके सुल्तानोंको मित्र बनाना पड़ा । इन महाराजके कालमें ग्वालियर गढ़की शेष जैन प्रतिमाओंका निर्माण हुआ। गोपगिरिकी जैनमर्तियां--
___ ग्वालियर गढ़की इन प्रतिमाओंको ५ भागोंमें विभाजित किया जासकता है--(१) उरवाही समूह (२) दक्षिण-पश्चिम समूह (३) उत्तर-पश्चिम समूह (४) उत्तर-पूर्व समूह तथा (५) दक्षिण-पूर्वी समूह । इनमें से उरवाही द्वारके एवं किंग जार्ज पार्कके पासके समूह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं । उरवाही समूह अपनी विशालतासे एवं दक्षिण पूर्वका समूह अपनी अलंकृत कला द्वारा ध्यान आकर्षित करता है । उरवाही जैन प्रतिमाएं
उरवाही समूहमें २२ प्रतिमाएं हैं जिनमें छह पर संवत् १४९७ से १५१० के बीचके अभिलेख खुदे हैं । इनमें सबसे ऊंची खड़ी प्रतिमा २० नम्बरकी है । इसे बाबरने २० गजका अनुमान किया था परन्तु वास्तवमें यह ५७ फीट ऊंची है। चरणोंके पास यह ९ फीट चौड़ी है। २२ नम्बरकी नेमिनाथजी की मूर्ति बैठी हुई बनी हुई है जो ३० फीट ऊंची है। १७ नम्बरकी प्रतिमा पर तथा आदिनाथकी प्रतिमाकी चरण चौकी पर डूंगरेन्द्र देवके राज्यकालका संवत् १४६७ का लम्बा अभिलेख खुदा है। दक्षिण-पश्चिमके जिनबिम्ब--
दूसरा दक्षिण-पश्चिमका समूह एक-खंभा तालके नीचे उरवाही दीवाल के बाहरकी शिला पर है। इस समूहमें पांच मूर्तियां प्रधान हैं । २ नम्बरकी स्त्री-प्रतिमा लेटी हुई ८ फीट लम्बी है । इस पर अोप किया
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