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દેશી નામમાલા
आवरेइआ मद्यपरिवेषणभाण्डम् १/७१ - शराव वितरित करने का वर्तन |
उआली अवतंसः १/९० - कर्णाभूषण ।
उल्लरयं कपर्दाभरणम् १/११० - कौड़ियों के आभूषण ।
उच्छुररणं इक्षुवाटं १ / ११७ – गन्ने का बगीचा, A garden of Sugar Cane.
उत्तरणवरंडिआ समुद्रनद्यादौ जलतरणोपकरणं प्रवहणादि १/ २२ - स्टीमर के अर्थ में प्रयुक्त है ।
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चडलातिलयं काञ्चनश्रृंखलालाम्बिरत्नतिलकम् ३/८ – स्वर्ण जटिल रत्नहार ।
झज्झरी स्पर्शहरिहारार्थचण्डालादीनां हस्तयष्टिः ३/३४ - एक छड़ी, जिसे चाण्डाल अपना अस्पर्शत्व सूचित करने के लिए रखता था ।
टोकणं मद्यपरिमाणभाण्डम् ४/४ - शराव नापने का वर्तन ।
डंधो उदवन विशेषो नालिकेरमयः ४ / ११ - नारियल की बनी हुई बालटी या नारिल का डोल ।
पाडुची तुरगमण्डनम् ६/३९ - घोड़े का साज |
यह कोश भाषा और साहित्य दोनों का अध्ययन करने के लिए बहुत उपयोगी है । इस में भाषा के ऐसे अनेक विकसित रूप हैं, जो अतीत की सम्पत्ति हैं। इन का भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से विवेचन करने पर अनेक तथ्य प्रत्यक्ष होंगे ।
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