SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 704
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६३८] गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रन्थ SENTARNAFR विशनपENNETSAगतसमारोह सड़क को पी.डब्ल्यू.डी. वालों ने मात्र दो दिन में पक्का डामर रोड बना दिया, जिससे ग्रामवासियों ने भी राहत की साँस ला। टिकैतनगर के विशाल एवं भव्य सभा मंडप में सुसज्जित मंच पर २४ नवंबर, सन् १९८४ को ठीक ११ बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारायणदत्त तिवारी अपने वरिष्ठतम सहयोगी प्रो. वासुदेव सिंह (आबकारी मंत्री) के साथ पधारे। "धरती का तुम्हें नमन है, अंबर का तुम्हें नमन है। चंदा सूरज करें आरती, छुटते जनम मरण हैं। सौ-सौ बार नमन है, ज्ञानमती माता को युग का सौ-सौ बार नमन है।" इत्यादि सुभाष जैन के विनयांजलि गीत के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। दोनों अतिथियों का विभिन्न संस्थाओं की ओर से माल्यार्पण द्वारा स्वागत हुआ। आज के समारोह में भाग लेने हेतु संसद सदस्य श्री राणावीर सिंहजी, क्षेत्रीय विधायक श्री मदनमोहन सिंहजी एवं विधायक श्री गजेन्द्र सिंहजी भी पधारे थे। __ हस्तिनापुर से पधारे ज्ञानज्योति प्रवर्तन के महामंत्री श्री मोतीचंदजी ने जम्बूद्वीप ज्ञानज्योति के भारत भर में ढाई साल के भ्रमण की जानकारी दी और कहा कि इस ज्योति ने सारे देश में विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय, भाषाओं की पजानव्यतिरRIEND विभिन्नता होते हुए भी खूब सम्मान प्राप्त किया है तथा इसके द्वारा सभी को शांति, अहिंसा एवं धर्म सहिष्णुता का संदेश प्राप्त हुआ है। ___ कु. मालती शास्त्री ने अवध की महिमा एवं आज के कार्यक्रम से संबंधित एक सुन्दर कविता प्रस्तुत की, तत्पश्चात् माननीय मुख्यमंत्रीजी ने ब्रह्मचारी श्री मोतीचंदजी एवं ब्र. श्री रवीन्द्रजी को प्रशस्ति पत्र भेंट कर तथा शाल उढ़ाकर अभिनंदन किया। कु. माधुरी शास्त्री ने परमपूज्य आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा प्रेषित आशीर्वाद मंत्रीजी के लिए पढ़कर सुनाया। इसके बाद श्री निर्मल पूज्य गणिना आयका श्रा ज्ञानमता माताजा का जन्मभाम टिकैतनगर में उत्तरप्रदेश कुमारजी सेठी का ओजस्वी भाषण हुआ। ज्ञानज्योति प्रवर्तन का शुभारंभ।। संसद सदस्य एवं विधायकों के वक्तव्य अंशसंसद सदस्य श्री राणावीर सिंह ने कहा कि “इस ज्ञानज्योति में हमें दो ज्योतियों के दर्शन होते हैं- एक तो पूजनीया ज्ञानमती माताजी हैं ही, जिनकी प्रेरणा से इसका प्रवर्तन हुआ, दूसरी ज्योति इंदिरा गाँधी की भी इसमें दिखती है, जो देश के लिए अमर शहीद हो गई।" श्री कृष्णमोहन सिंहजी ने इस ज्योति प्रवर्तन को धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक बताया तथा श्री गजेन्द्र सिंह ने पूज्य ज्ञानमती माताजी के प्रति अपनी अनन्य श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि अवध की धरती ऐसी नारीरत्न को पाकर धन्य हो गई है, जिन्होंने सारे देश में अहिंसा एवं विश्वबंधुत्व का पाठ पढ़ाने हेतु इस रथ का प्रवर्तन कराया है . . . . इत्यादि। माननीय मुख्यमंत्री श्री नारायणदत्त तिवारी का उद्बोधन भाषण “आज मुझ जैसे सेवक के लिए यह बड़े ही सौभाग्य का अवसर है कि जम्बूद्वीप ज्ञानज्योति के उत्तर प्रदेश में प्रवर्तन शुभारंभ में मुझे टिकैतनगर आकर ज्योति को प्रज्वलित कर देश के कोटि-कोटि लोगों तक ज्ञान का प्रकाश पहुँचाने का सौभाग्य मिल रहा है। मैं आप सभी का बहुत ही आभारी हूँ कि आपने मुझे यह अवसर प्रदान किया। पूज्य श्री ज्ञानमती माताजी ने मेरे लिए आशीर्वाद भिजवाया, इसके लिए मैं उन्हें आभार व्यक्त करता हुआ परोक्ष में ही उनको नमन करता हूँ। आज पहली बार टिकैतनगर आकर मैं अपने को धन्य मानता हूँ। यहाँ के इतिहास के बारे में मुझे पहले से पता है और यह भी मालूम है कि अंग्रेजों के शासन काल में इन्कलाब एवं क्रांति में यहाँ के लोगों ने विशेष भाग लिया था . . . . . उत्तर प्रदेश शासन इस ज्योति के उत्तर प्रदेश भ्रमण में तथा अप्रैल-मई में हस्तिनापुर में होने वाले "जम्बूद्वीप प्रतिष्ठापना महोत्सव" में पूरा-पूरा सहयोग प्रदान करेगा। यह समारोह आपका ही नहीं, बल्कि हमारा भी होगा। आप हमें आज से ही बताएं कि हमें क्या-क्या करना है, ताकि देर न हो। मैं अपने वरिष्ठतम सहयोगी श्री वासुदेव सिंहजी को आज ही नामांकित करता हूँ और आग्रह करता हूँ कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पूरी देखभाल करने का कष्ट करें। मैं तो यही चाहूँगा कि कर्नाटक सरकार को श्रवणबेलगोला के मस्तकाभिषेक महोत्सव में यदि ९० नम्बर मिले हों तो हमें जम्बूद्वीप महोत्सव ज्येतिसमारोह Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012075
Book TitleAryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages822
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy