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गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रन्थ
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एम. रामचन्दन, आयुक्त, मेरठ मंडल
बायुक्त निवास,
मेरठ।
सन्देश
मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान द्वारा हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप की प्रेरिका पूज्य गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में एक अभिनन्दन-ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर मैं बधाई देता हूँ और प्रकाशन की सफलता की कामना करता हूँ।
5.414131 [एम० रामचन्द्रन]
शिर
जे० एस० मिश्र
आई. ए. एम.00) अशा0 पत्र संख्याः /एस0टी0 कैम्प-११
तरमा
जिलाधिकारी
मेरठ.
सस्याः05)
मुझे जानकर प्रसत्रता हुई कि हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप की पावन कल्पना को साकार करने वाली आदरणीय श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में एक अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित किया जा रहा है। मेरी जिला मजिस्ट्रेट मुजफ्फरनगर के कार्यकाल में हस्तिनापुर भ्रमण के समय आदरणीय माताजी से मुलाकात हुई थी। उनके द्वारा हस्तिनापुर में किये गये कार्य, लिखे गये अनेक ग्रन्थ व जैन धर्म के लिए उनका योगदान निश्चित रूप से बहुत ही सराहनीय है तथा अपने आप में कीर्ति स्तम्भ है।
मेरी हार्दिक शुभकामना है कि आदरणीय माता जी दीर्घायु हों तथा वे अपने द्वारा चुने गये पावन पथ पर अहर्निश अग्रसर रहें।
. भवदीय,
[जे०एस० मिश्र]
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