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गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रन्थ
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एजाज रिज़वी
फोन :- कार्यालय -241194
सी. एच.-8778 आवास -241200
मंत्री, खाद्य एवं रसद, मुस्लिम वक्फ,
उत्तर प्रदेश
तर प्रदेश
विधान भवन,
लखनऊ।
सन्देश
यह जानकर हर्ष हुआ कि परम पूज्य श्री ज्ञानमती माता के सम्मान में एक अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन हस्तिनापुर से किया जा रहा है।
भारत भूमि आदि काल से विचारकों, मनीषियों, शान्ति एवं अहिंसा के पुजारियों की तपोस्थली रही है। श्री ज्ञानमती माताजी ने जम्बूद्वीप ज्ञानज्योति का प्रतीक बनकर सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में एकता, नैतिकता एवं अहिंसा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया है और इस ऐतिहासिक ज्योति को हस्तिनापुर में अखण्ड रूप से स्थापित कर दी गई है। ज्ञान की इस देवी ने लगभग १३५ ग्रन्थों का सृजन कर साहित्य को एक अमूल्य निधि प्रदान किया।
मुझे आशा है कि इस अवसर पर प्रकाशित अभिनन्दन ग्रन्थ पूज्य माताजी के अद्भुत कृतत्व एवं व्यक्तित्व पर ज्ञानवर्धक सामग्री पाठकों को प्रस्तुत करने में सामयिक और उपयोगी सिद्ध होगी।
आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनायें।
[एजाज़ रिज़वी]
सुधीर कुमार बालियान
कार्यालय : 248526 फोन; २
(आवास : 241129
मंत्री सहकारिता
विधान भवन
प्रणा
लखनऊ
सन्देश
यह प्रसन्नता का विषय है कि जैन समाज की प्रतिष्ठित साध्वी जम्बूद्वीप निर्माण की प्रेरिका श्री ज्ञानमती माताजी के अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है और इस अवसर पर हस्तिनापुर में समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
आशा है इस ग्रन्थ प्रकाशन से जैन धर्म के विषय में और अधिक जानकारी तो प्राप्त होगी ही, साथ ही जम्बूद्वीप निर्माण की प्रेरिका ज्ञानमतीजी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की जानकारी भी प्राप्त होगी।
मैं अभिवंदन प्रकाशन के अवसर पर शुभकामनाएँ देता हूँ।
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[सुधीर कुमार बालियान]
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