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________________ १ सितम्बर से १० सितम्बर, १९९२ तक दशलक्षण पर्व के शुभ अवसर पर कल्पद्रुम महामंडल विधान मंडल के पास खड़े हैं ब्र. रवीन्द्र जी एवं पूजन कर रहे हैं-विधान 1 के आयोजक प्रमुख चक्रवर्ती श्री मनोज कुमार एवं उनकी पटरानी श्रीमती नविता जैन हुए ५८वें जन्म दिवस पर सरधना में पूज्य माताजी की मंगल आरती उतारते. आनंदकुमार, दीपककुमार जैन, दिल्ली के परिवार के सदस्यगण । Jain Educationa International श्री १४ जुलाई सन् १९८६ में त्रिमूर्ति मंदिर में इन्द्रध्वज विधान करते हुए श्री आनंद प्रकाश जैन, सोरम वाले। साथ में हैं— उनके सुपुत्र श्री मदनकुमार जैन सपत्नीक । 四 अक्र पू. माताजी के ५६ वें जन्मदिवस पर हस्तिनापुर में ५६ दीपकों से आरती उतारती हुई सौ. शांतिदेवी जैन, दरियागंज, दिल्ली। For Personal and Private Use Only अक्टूबर सन् १९८८ में जम्बूद्वीप स्थल पर कल्पद्रुम विधान के मध्य पधारे हुए श्रवणबेलगोल के भट्टारक स्वस्ति श्री चारुकीर्ति स्वामी जी। www.jainelibrary.org
SR No.012075
Book TitleAryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages822
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size26 MB
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