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"साधु संघ ही जिनका परिवार है"
बालश्री मोतीचन्द्र जैन
अवामा विमलसाप्रारजीम रविवारदमार्चर्यटन
स्पल-जम्मान
९ मार्च, १९८७ को जम्बूद्वीप पुस्तकालय के उद्घाटन अवसर पर पुस्तकों का अवलोकन करते हुए आचार्य श्री विमलसागर जी महाराज/साथ में हैं—मुनि श्री बाहुबलिसागर महाराज एवं प्रो. अनुपम जैन।
ब्र. मोतीचंद जी के मस्तक पर दीक्षा के संस्कार करते हुए आचार्यश्री, पीछे उपाध्याय श्री भरतसागर जी मंत्रोच्चारण कर रहे हैं।
मंदिर में भगवान का अभिषेक देखते हए आचार्य श्री. संघस्थ साधु-साध्वियाँ एवं गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती
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