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२ मई, १९८५ को जम्बूद्वीप पंचकल्याणक महोत्सव के मध्य पूज्य माताजी के "गणिनी' पद से अलंकृत किया जा रहा है। गणिनी पद प्रतिष्ठापन क्रिया को सम्पः कराती हुई माताजी की शिष्या आर्यिका श्री जिनमती माताजी।
अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह मंच पर पूज्य माताजी ससंघ एवं दाईं ओर बैठे हैं मेरठ विश्वविद्यालय के उपकुलपति श्री रमेश मोहन ।
३ मई, १९८५ को जम्बूद्वीप पंचकल्याणक के बाद जम्बूद्वीप रचना के अंदर । चैत्यालय में सिद्ध प्रतिमा विराजमान कराती हुई पूज्य माताजी, साथ में है भक्तमंडली।
जम्बूद्वीप जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के मध्य २९ अप्रैल, १९८५ की रात्रि में भारत के सुप्रसिद्ध गीतकार एवं संगीतकार श्री रवीन्द्र जैन-बम्बई, साथ में हैं-पं. श्री लाडलीप्रसाद "नवीन", श्री राजकुमार सेठी एवं श्री रवीन्द्र जैन का स्वागत करते हुए ब. श्री रवीन्द्र कुमार जैन, श्री सुभाषचंद जैन तथा जयकुमार जैन श्री पन्नालाल सेठी।
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