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शुभाशीष / श्रद्धांजलि
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साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का
आशीर्वाद
पं. दयाचंद्र साहित्याचार्य स्मृति ग्रन्थ के संदर्भ में आशीर्वाद देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि पंडित जी आदर्श श्रावक थे, वे स्वयं तो आदर्श थे ही, वे क्या उनका पूरा परिवार ही आदर्शमय रहा है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन जिनवाणी की सेवा में ही समर्पित किया है। वर्णी भवन मोराजी संस्कृत महाविद्यालय के प्रति उनका पूर्ण समर्पण रहा है। अंतिम कुछ वर्षों तक उनकी विद्यालय के प्रति नि:स्वार्थ सेवा भी रही है। पंडित जी के आशीर्वाद के साथ-साथ आचार्य श्री ने पंडित श्रुतसागर जी को भी स्मरण किया है। ऐसा भरपूर आशीर्वाद स्मृति ग्रन्थ में आचार्य श्री ने दिया है ।
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- आचार्य विद्यासागर
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