________________
कृतित्व/हिन्दी
साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ 18. तैजस शरीर का द्वितीय वैज्ञानिक उद्धरण - __"विज्ञान ने सूक्ष्म शरीर को भी रूसी वैज्ञानिक सेमसोम किर्लियान तथा उनकी पत्नी श्रीमती वेलेन्टीना किर्लियान के द्वारा मानव, पशु यहाँ तक कि पेड़ पौधों के भी सूक्ष्म शरीर के चित्र खींचने के पश्चात् स्वीकार 'किया है यह आभा मण्डल के रूप में स्थूल शरीर के आस - पास विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के रूप में विद्यमान होता है।"
(पुष्पांजलिग्रन्थ, पृ. 2/120, 'पुष्प' अभिनंदन ग्रन्थ)। 19. 24 तीर्थंकरों के अस्तित्व का द्वितीय वैज्ञानिक प्रमाण -
___ "अनेक प्रमाणों के आधार से सिद्ध हो जाता है कि ऋषभदेव आदि तीर्थंकर थे और आध्यात्मिक विज्ञान एवं भौतिक विज्ञान के महान् आविष्कारक थे। इनके बाद क्रमश: तेबीस तीर्थंकरों ने भी तदनुकूल धर्मतीर्थ का प्रणयन किया। जिनका जीवन चरित्र जैन पुराण ग्रन्थों में सविस्तार मिलता है, तीर्थों तथा शिला लेखों से सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त मथुरा के कंकाली टीला एवं अन्य स्थानों से प्राप्त ईस्वी सन से शताब्दियों पूर्व की निर्मित प्रतिमाओं से भी शेष तीर्थंकरों का ऐतिहासिक अस्तित्व प्रमाणित होता है"।
(जैनस्तूप एण्ड अवर एन्टीक्वीटीज ऑफ मथुरा : पृ. 24-25)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org