________________
यह शोध-प्रबंध आज भी शोधकर्ताओं के लिए आदर्श रूप है। किसी भी शोधार्थी को कितनी गहन खोजबीन के साथ अपना कार्य करना चाहिए, यह बात सीखने के लिए विद्वान लोग इस ग्रंथ का उपयोग करते हैं । ग्रंथ-प्रकाशन हेतु हम अपने सभी सहयोगी सदस्यों के प्रति आभारी हैं। प्रकाशदफ्तरी
कुंदनमल जिंदानी सचिव
अध्यक्ष जितयशा फाउंडेशन,
श्री जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ, जयपुर
जोधपुर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org