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________________ ११४ महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व बानबेवाँ विचार - इसमें कहा गया है कि जैनसिद्धान्त में भी ग्रह, नक्षत्र, मुहूर्त आदि मान्य हैं। तिरानबेवाँ विचार- इसमें भत्तेपाणे सयणासन्ने'- इस गाथा का अर्थ बतलाया गया है। चौरानवेवाँ विचार - इसमें बताया गया है कि प्रभताकालीन प्रतिक्रमण सूर्योदय के समय करना चाहिये। पिचानबेवाँ विचार- इसमें इस बात का वर्णन किया गया है कि जिस समय मुनि वस्त्रपात्रादि का प्रतिलेखन करता है, उस समय उत्कटुक आसन में बैठता है। छियानबेवा विचार - इसमें बताया गया है कि मांस में अनन्त संमूर्छिन जीव उत्पन्न होते हैं। सत्तानबेवाँ विचार - इसमें बताया गया है कि जिन-प्रतिमा-पूजन आदि के समय पृथिवी, तेजस, आदि के जीव आदि अनुमोदना करते हैं, तो उसका आगामी भव में फल अवश्य प्राप्त होता है। अडानबेवाँ विचार- इसमें असत्य भाषा के १० और असत्यमृषा भाषा के १२ भेदों का सविस्तार विवेचन किया गया है। निनानबेवाँ विचार- इसमें आवश्यक चूर्णि' के तृतीय अध्ययन के आधार पर बताया गया है कि रात्रिप्रतिक्रमण का काल सुबह १२ बजे तक है और दैवसिक प्रतिक्रमण का काल रात्रि के १२ बजे तक है। सौवाँ विचार- इसमें बताया गया है कि भव्य जीव की भवस्थिति नियत और अनियतदोनों प्रकार की होती है। ग्रन्थान्त में दी गई प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि यह ग्रन्थ संवत् १६७४ में मेड़ता नगर में लिखा गया था - वेदमुनिदर्शनेन्दुः प्रमितेब्देमेडतानगरे। ___प्रस्तुत ग्रन्थ की पाण्डुलिपि श्रीकुशलसूरि-ज्ञानभण्डार, वाराणसी से उपलब्ध हुई है तथा यह ग्रन्थ अधुना पर्यन्त अप्रकाशित है। १.१० विशेष संग्रह प्रस्तुत ग्रन्थ संग्रह की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार के विशिष्ट ग्रन्थ बहुत कम लिखे हुए दिखाई पड़ते हैं। ग्रन्थकार समयसुन्दर ने अनेक सूत्र, सिद्धान्त, भाष्य, प्रकरण, ग्रन्थादि का गहन अध्ययन करके उनमें पायी जानेवाली विशेषताओं का इस कृति में अपूर्व संग्रह किया है। ग्रन्थकार ग्रन्थारम्भ में स्वयं इस बात को सूचित करते १. विचारशतक, प्रशस्ति (१) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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