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________________ साहित्य हिन्दी और हिन्दी जैन साहित्य | ६३९ अनेक शीर्षकों से आप के पद्य रचित हैं । आप की कविताओं में हितोपदेश और ऊंची शिक्षायें हैं । आप द्वारा रचित अध्यात्मपद अति ही रोचक और प्रभावक हैं । आप की रचनाओं में संतवाणी है, सरल और सहज भाषा है तथा मोक्षमार्ग की पगदण्डी की स्पष्ट सीधी रेखा है । उदाहरण देखिये शुद्धि तें मीन, पिये पय बालक, रासम अंग विभूति लगाये । राम कहे शुक ध्यान गहे बक, भेड़ तिरे पुनि मुण्ड मुंडाये ॥ वस्त्र विना पशु, व्योम चले खग, व्याल तिरे नित पौन के खाये । ये तो सवै जड रोति विचक्षन, मोक्ष नहीं विन तत्व के पाये || विशेष परिचय के लिये देखिये वीर-वाणी वर्ष ५, ४-५ अगस्त १९५१ । दीपचंद शाह आप की ज्ञाति खण्डेलवाल और गोत्र कासलीवाल था । पहिले सांगानेर में रहते थे । पीछे आमेर में जा बसे । आप दिगम्बर तेरइपन्थ के अनुयायी थे । आध्यात्म आप का प्रिय विषय था । आप की गद्य रचनायें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं । ' अनुभवप्रकाश', 'चिद्विलास, ' आत्मावलोकन, 'परमात्मपुराण,' गद्य में हैं और 'ज्ञानदर्पण, "स्परूपानंद' और ' उपदेशरत्नमाला' पद्य में हैं। 'चिद्विलास' का रचनाकाल सं० १७७९ है । भाषा द्वाड़ी और हिन्दी मिश्रित है। आप की रचनाओं का विशेष परिचय अनेकान्त वर्ष १३, पृ० ११३ में देखना चाहिए गद्य का एक उदाहण नीचे दिया जाता है । । ' जैसे वानर एक कांकरा के पड़े रौवे, तैसें याके देह का एक अंग भी छीजै तो बहुतेरा रोवै । ये मेरे और मैं इनका झूठ ही ऐमैं जड़न के सेवनतें सुख मानें। अपनी शिवनगरी का राज्य भूल्या, जो श्री गुरु के कहे शिवपुरी को संभाले, तौ वहां का आप चेतन राजा अविनाशी राज्य करे । ' कविवर द्यानतराय आप का जन्म आगरा में सं० १७३३ में अग्रवालवंश के गोयल गोत्र में हुआ था । आप के पिता का नाम श्यामदास था । आप के पिता का देहान्त सं. १७४२ में ही हो गया और आप उस समय बालक हो थे । देव के आगे किस का बल ! जैनधर्म के प्रेमी विहारलाल और शाह मानसिंह से आप का १३ वर्ष की वय में परिचय हुआ । उन दिनों में आगरा में धर्म की बड़ी चर्चायें होती रहती थीं। आप उक्त दोनों धर्मानुरागी सज्जनों की सत्संग से विद्यानुराग की ओर बढ़े और संस्कृत - प्राकृत का आपने अच्छा अभ्यास किया ।
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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