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________________ ५९८ भीमद् विजयराजेन्द्रसूरि-स्मारक-प्रेथ ललितकला और वाली है। उसके उपर लेख नहीं है, परन्तु उस पर रहे चिन्हों से ज्ञात होता है कि ये प्रतिमाजी महाराजा सम्राट् संपति के समय में प्रतिष्ठित हुई होंगी। श्रीअजितनाथ प्रभु की १५ इंच बड़ी प्रतिमा वेलू-रेती की बनी हुई दर्शनीय एवं प्राचीन प्रतीत होती है। श्रीपद्मप्रभुजी की प्रतिमा जो ३७ इंच बड़ी है वह भी श्वेतवर्णी परिपूर्णाग है, उस पर का लेख मन्द पड़ जाने से 'सं० १० १३ वर्षे वैशाख सुदि सप्तम्यां' केवल इतना ही पढ़ा जाता है । श्रीमल्लीनाथजी एवं श्याम श्रीनमिनाथ जी की २६-२६ इंच बड़ी प्रतिमाएँ भी उसी समय की प्रतिष्ठित हों ऐसा आभास होता है । इस लेख से ये तीनों प्रतिमाएँ १ हजार वर्ष की प्राचीन हैं। श्रीआदिनाथजी २७ इंच और ऋषभदेवस्वामी की १३-१३ इंची बदामी वर्ण की प्रतिमाएं कम से कम ७०० वर्ष की प्राचीन हैं एवं तीनों एक ही समय की प्रतीत होती हैं। श्री आदिनाथस्वामी की प्रतिमा पर लेख इस प्रकार है " संवत् १३१० वर्षे माघसुदि ५ सोमदिने प्राग्वाटज्ञातीय मंत्री गोसल तस्य चि. मंत्री आ(ला)लिगदेव, तस्य पुत्र गंगदेव तस्य पत्नी गांगदेवी, तस्याः पुत्र मंत्री पदम तस्य भार्या मांगल्या प्र०।" शेष पाषाण प्रतिमाओं के लेख बहुत ही अस्पष्ट हो गये हैं; परन्तु उनकी बनावट से जान पड़ता है कि ये भी पर्याप्त प्राचीन हैं । उपरोक्त प्रतिमाएं भूगर्भ से प्राप्त होने के बाद श्रीपार्श्वनाथस्वामीजी की एक छोटी सी धातुप्रतिमा चार अंगुल प्रमाण की निर्गत हुई, जिसके पृष्ठभाग पर लिखा है कि " संवत् १३०३ आ० शु० ४ ललित सा०" यह बिम्ब भी ७०० वर्ष का प्राचीन है। विक्रम संवत्सर १४२७ के मार्गशीर्ष मास में ' जयानंद ' न मा जैन मुनिराज अपने गुरुवर्य के साथ निमाड़ प्रदेश स्थित तीर्थक्षेत्रों की यात्रार्थ पधारें. उस की स्मृति में उन्होंने दो छंदों में विभक्त प्राकृतमय ' नेमाड़ प्रवास गीतिका ' बनाई, उन छंदों से भी जाना जा सकता है कि उस समय नेमाड़ प्रदेश कितना समृद्ध था और लक्ष्मणी भी कितना वैभवशील था ! मांडव नगोवरी सगस या, पंच ताराउर वरा, विंस-इग सिंगारी-तारण, नंदुरी द्वादश परा। हत्थिणी सग लखमणी उर, इक्क सय सुह जिणहरा, भेटिया अणुवजणवए, मुणि जयाणंद पवरा ॥१॥
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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