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जैन विद्या के आयाम खण्ड-७
पद्मरत्नसूरि, पं० भावविजयगणि आदि
हर्षरत्नसूरि
सुन्दरविजयगणि
जीवणविजय (वि० सं० १८३८ में अपने गुरु हर्षरत्नसरि एवं
सुन्दरविजयगणि की चरणपाद्का के प्रतिष्ठापक)
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