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स्वर्ण-जयन्ती गौरव-ग्रन्थ
17. आचार्यश्री सुनीलसागरजी का प्राकृत काव्य साहित्य
114-118 डॉ. महेन्द्र कुमार जैन 'मनुज' 18. प्राकृत साहित्य में वर्णित वास्तुविज्ञान
119-126 डॉ. जयकुमार उपाध्ये 19. ज्ञाताधर्म कथा में वर्णित बौद्धिक दृष्टि
127-135 डॉ. एच. सी. जैन आधुनिक युग में भगवान महावीर के जीवन-मूल्यों की प्रासंगिकता 136-141
दुलीचंद जैन 21. जैनधर्म सम्मत अहिंसा का प्रशिक्षण
142-149 प्रो. डॉ. भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' । विश्व-शांति और अनेकांतवाद
150-159 डॉ. शेखरचन्द्र जैन An Introduction to Jain Philosophy
160-181 Dr. Vijaya Kumar जैन दर्शन में मन-एक तुलनात्मक अध्ययन
182-186 डॉ. नेमिचन्द्र जैन जैन दर्शन में पर्याय का स्वरूप
187-191 डॉ. वीरसागर जैन 26. क्षमा की शक्ति
192-197 सुरेश जैन आई.ए.एस. (से.नि.) 27. आगम और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में श्रमणाचार
198-205 डॉ. श्रेयांसकुमार जैन 28. श्रमणाचार विषयक ग्रन्थों में मुनि-आर्यिकाओं की वन्दना-विधि 206-211
डॉ. कमलेश कुमार जैन श्रावक के षट्कर्म-उपादेयता
212-217 विमला जैन 'विमल' जैन आगम के आलोक में पूजन विधान
218-223 प्रतिष्ठाचार्य पं. वर्द्धमान कुमार जैन सोरया 31. भारतीय तन्त्र-साधना और जैन धर्म-दर्शन
224-253 (एक समन्वयात्मक विवेचन)
प्रो. सागरमल जैन 32. अष्टाङ्गोग.
254-263 डॉ. रामप्रकाश पोद्दार 33. अहिंसा की परिधि में पर्यावरण सन्तुलन
264-274 प्रो. (डॉ.) पुष्पलता जैन
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