________________ गुरुदेव! मैं आपका अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशित करना चाहता हूँ नहीं प्रीतेश। अभिनन्दन ग्रंथ तो महापुरुषों के निकाले जाते हैं और गुणगान एवं किर्तन महापुरुषों का किया जाता है गुरुदेव। इस धरा पर वर्तमान समय में आप जैसा महापुरुष दूसरा कौन होगा। Nehai 28736745-28736535 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org