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पू. श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं वर्तमानाचार्य श्री हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनि मंडल (१९७२)
थराद चातुर्मास में पू. श्रीमद् विजय विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म. ग्रंथनायक-एवं मुनि मण्डल विचारविमर्श करते हुए (१९७२)
प.पू.श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. को चातुर्मास हेतु विनंती करते श्रेष्ठिवर्य बायी ओर हेमेन्द्र सू.म., पीछे जयप्रभ वि.म. (१९७८)
के.एम. वर्धन पू. आचार्यश्री को कांबली बोहराते हुए।
पास हैं वर्तमानाचार्य श्री
पू.आ.वे श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. को कांबली बोहराते हुए सेठ श्री घमण्डीरामजी गोवाणी साथ ग्रंथनायक श्री (१९७८)
मोहनखेड़ा वरघोड़ा के दौरान
एक अनोखा चित्र
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