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अनुक्रमणिका
समर्पण.. सम्पादकीय.... संयोजक का वक्तव्य....
आभार. प्रकाशकीय...
प्रथम खण्ड
वन्दन भी अभिनन्दन भी 1. अनुमोदना – आचार्य श्री जिनमहोदयसागर सूरि म. 2. हार्दिक शुभेच्छा - आचार्य कलाप्रभसागर सूरि म..... 3. बागरा रा बाग रो फूल - आचार्य प्रेम सूरि म...... 4. हार्दिक प्रसन्नता – श्रमण विनयकुमार 'भीम'..... 5. शुभकामना सन्देश - आचार्य अशोकसागर म....... 6. हार्दिक अभिलाषा - आचार्य पद्मचन्द्र म... 7. अन्तर नी शुभेच्छा - आचार्य रविप्रभ सूरि म.. 8. समाज को नई चेतना कराये – गच्छाधिपति प्रद्युम्नविमल सूरि म.. 9. सरलता के जीवंत प्रतीक विजय हेमेन्द्र सूरि - प्रवर्तक रूपचन्द 'रजत'.. 10. एक आदर्श व्यक्तित्व – मुनि जयप्रभविजय 'श्रमण 11. सरलता की प्रतिमा – मुनि सौभाग्यविजय. 12. समता योगी – पंन्यास रविन्द्रविजय गणि. 13. प्रेरणा स्रोत – मुनि नरेन्द्रविजय 'नवल' .. 14. मंगल मनीषा – रमेश मुनि शास्त्री... 15. सेवाभावी, निर्लिप्त संतराज – कोंकणकेसरी मुनि लेखेन्द्रशेखरविजय, 16. क्षमावान - जयषेखरविजय.. 17. तीर्थ विकास के प्रेरक - मुनि ऋषभचंद्रविजय 'विद्यार्थी'.. 18. क्रियाषील व्यक्तित्व – मुनि जिनेन्द्रविजय.. 19. परम कृपालु – मुनि रजतचंद्रविजय.. 20. आजीवन ऋणी रहूंगा – मुनि पीयूषचंद्रविजय...
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