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परम पूज्य आचार्यश्री के सानिध्य में स्व. मुनि श्री प्रीतेशचन्द्रविजयजी म.सा., मुनि श्री चन्द्रयशविजयजी .सा. श्री मेघराजजी जैन एवं जांच के सम्पादक डॉ. तेजसिंह गौड़
एक दुर्लभ चित्र (अभिनंदन ग्रंथ को अंतिम स्वरूप देते हुए)
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