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________________ बिजोवा, सं० 1983 पाटन, सं० 1984 बंबई, सं० 1985 पूना, सं0 1986 बालापुर, सं0 1987 सादड़ी, सं० 1988 पालनपुर, सं0 1989 अहमदाबाद, सं० 1990 बंबई, सं० 1991 बडौदा, सं० 1992 खंभात, सं० 1993 अम्बाला, सं० 1994 रायकोट, सं० 1995 गुजरानवाला, सं0 1996 सियालकोट, सं० 1997 पट्टी, सं0 1998 जंडियालागुरू, सं० 1999 बीकानेर, सं0 2000 लुधियाना, सं0 2001 गुजरानवाला, सं० 2002 गुजरानवाला, सं० 2003 बीकानेर, सं0 2004 सादड़ी, सं० 2005 पालनपुर, सं० 2006 पालीताना, सं० 2007 बिनोली में अंजनशलाका प्रतिष्ठा। अलवर में प्रतिष्ठा, सांडेराव में पाठशाला की स्थापना। श्री हेमचन्द्राचार्य ज्ञान मंदिर के लिए प्रेरणा। धेन्ज से गांभु तक संघ। चारूप एवं करचलिया में प्रतिष्ठा। पाठशाला की स्थापना, बंबई में प्रवेश। उपधान तप और पुस्तकालय प्रारम्भ कराया। येवला में प्रतिष्ठा एवं नूतन उपाश्रय की प्रेरणा। अकोला एवं नाडोल में प्रतिष्ठा। फलोदी से जैसलमेर तक संघ। पोरवाल सम्मेलन, "अज्ञान तिमिर तरणी" कलिकाल कल्पतरू" की पदवियों से मान। पालनपुर में उपधान तप। शान्तमूर्ति हंसविजय जी का स्वर्गवास। डभोई में लोढ़ण पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा। मुनि सम्मेलन का आयोजन। श्री महावीर जैन विद्यालय में प्रतिष्ठा। आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वर जी म. का महोत्सव। उपधान तप एवं उपाश्रय के जीर्णो-द्धार के लिए प्रेरणा। ज्ञानमंदिर की स्थापना। मंदिर का जीर्णोद्धार और प्रतिष्ठा। श्री आत्मानंद जैन कालेज का सेठ कस्तूरभाई द्वारा उद्घाटनासढ़ोरा एवं बड़ौत में प्रतिष्ठा। मालेरकोटला में हाईस्कूल की स्थापना। होशियारपुर से कांगडा तीर्थ तक संघ। खानगाडोगरा में प्रतिष्ठा। मंदिर का खात मुहूर्त। मूर्ति की प्रतिष्ठा। श्रीकांति विजय जी म. का स्वर्गवास। कसूर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा। गुरुमंदिर एवं पुस्तकालय की स्थापना। रायकोट में अंजनशलाका प्रतिष्ठा। आचार्य श्री जी का हीरक महोत्सव। फाजिल्का में प्रतिष्ठा। पंजाबी जैन धर्मशाला पालीताना के लिए फंड। सियालकोट में प्रतिष्ठा। भारत विभाजन। अमृतसर में आगमन। महिला उद्योगशाला की स्थापना। साधर्मिकों के उत्कर्ष के लिए उपदेश। अंजनशलाका प्रतिष्ठा, विद्या प्रचार की प्रेरणा। बीजापुर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा। बीजापुर रातामहावीर की प्रतिष्ठा के लिए वासक्षेप भेजना, विजयानंद सूरि म. की मूर्ति की प्रतिष्ठा। शिक्षण फंड। पर्वत पर मुख्य मंदिर की बगल में स्थित श्री विजयानंद सूरीश्वर जी म. की पंचधातु की मूर्ति की प्रतिष्ठा।मनि सम्मेलन। भावनगर में आत्म कांति ज्ञान मंदिर का उद्घाटन। बड़ौदा में श्री शत्रंजय तीर्थावतार प्रसाद के, श्री आदिनाथ की मेहता गली में स्थित श्री नेमिनाथ की शाखा श्री महावीर जैन विद्यालय के श्री आदिनाथ की प्रतिष्ठा। आचार्य श्री उमंग सूरीश्वर जी म. को पट्टधर शिष्य की घोषणा की। पं. श्री समुद्र विजय जी म. पं. श्री प्रभाकर विजय जी को उपाध्याय पद दिया। झगडिया तीर्थ में श्री आत्मनंद जैन गुरुकुल की स्थापना। बंबई में धर्मशालाओं पाठशालाओं के लिए प्रेरणा। मध्यम वर्ग के उत्कर्ष के लिए फंड। थाणा में 340 मूर्तियों की अंजनशलाका। घाटकोपर में उपधान तप। उपाध्याय श्री समुद्र विजय को आचार्य पद से विभूषित करना। श्री महावीर जैन विद्यालय के लिए फंड। स्वर्गवास। बंबई, सं0 2008 से 2010 For Private spermonal LIE Only
SR No.012062
Book TitleAtmavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagatchandravijay, Nityanandvijay
PublisherAtmavallabh Sanskruti Mandir
Publication Year1989
Total Pages300
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size55 MB
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