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________________ आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरि 'जीवन घटनाक्रम'-एक नजर में गणि वीरेन्द्र विजय बड़ौदा, सं० 1927 राधनपुर, सं० 1943 महेसाणा, सं० 1944 पाली, सं० 1945 मालेरकोटला, सं० 1946 पट्टी, सं० 1947 अम्बाला, सं० 1948 जंडियालागुरू, सं० 1949 जीरा, सं० 1950 अम्बाला, सं0 1951 गुजरानवाला, सं० 1952 नारोवाल, सं0 1953 पट्टी, सं० 1955 मालेरकोटला, सं० 1955 होशियारपुर, सं० 1956 अमृतसर, सं० 1957 पट्टी, सं० 1958 अम्बाला, सं0 1959 जन्म कार्तिक शुक्ल द्वितीया, स्थान बड़ौदा, पिताश्री दीप चन्द भाई, माताश्री इच्छाबाई। दीक्षा, वैशाख शुक्ल गयोदशी। न्यायांभोनिधि आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वरजी म. के शिष्य श्री हर्ष विजय जी के शिष्य घोषित हुए। "सारस्वत चंद्रिका" व्याकरण एवं आत्म-प्रबोध का अध्ययन। कल्पसूत्र की सुबोधिका टीका का अध्ययन। पाली में बड़ी दीक्षा, गप्प दीपिका समीर की रचना। श्री हर्ष विजय जी म. का स्वागत, दस वेकालिक सत्र एवं अमरकोष का अध्ययन। सम्यकृत्व सप्तमी, चन्द्रप्रभा संस्कृत व्याकरण, न्याय, ज्योतिष एवं आवश्यक सूत्र का अध्ययन। न्यायबोधिनी, न्यायमुक्तावलि का अध्ययन। प्रथम शिष्य श्री विवेक विजय म. की दीक्षा। जैन मतवृक्ष तैयार किया। यतिजित कल्प आदि छेद सूत्र का अध्ययन। "तत्वनिर्णय प्रासाद" ग्रन्थ की प्रेस कापी करना प्रारंभ किया। आचार्य श्री विजयानंद सूरीश्वर जी म. का स्वर्गवास।। आचार्य विजयानंद सरि का जीवन-चरित्र लिखा और आत्मसंवत प्रारंभ किया। समाधि-मंदिर के निर्माण का प्रारंभ। दृश्काल में गरीबों के लिए अन्न वितरण प्रारंभ कराया। श्रीमद विजयानंद सूरि म. की मूर्ति की प्रतिष्ठा। जंडियालागुरु में अंजनशलाका प्रतिष्ठा एवं जैन धार्मिक पाठशाला का प्रारंभ। जीरा में जैन साहित्य अवलोकन समिति का संगठन। श्री आत्मानंद जैन पाठशाला की स्थापना। For Private a nal the only www.ainelibrary.com
SR No.012062
Book TitleAtmavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagatchandravijay, Nityanandvijay
PublisherAtmavallabh Sanskruti Mandir
Publication Year1989
Total Pages300
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size55 MB
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