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विजयवल्लभस्मारक में
"भोगीलाल लेहरचंद भारतीय संस्कृति संस्थान'
- नरेन्द्र प्रकाश जैन
यह संस्था भारतीय विद्याओं विशेषतः जैन विद्या के अध्ययन एवं शोध का अनुपम केन्द्र है। भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित इस शोधपीठ का मुख्य लक्ष्य है। वैदिक, बौद्ध, जैनादि विभिन्न भारतीय परम्पराओं की संस्कृति का तुलनात्मक एवं समन्वयात्मक अध्ययन करना है। इसी लक्ष्य की सिद्धि हेतु यहां अध्ययन अध्यापन और अनुसंधान की समुचित व्यवस्था की गई
इस शोध पीठ की स्थापना सन् 1980 में पाटण (गुजरात) में श्रेष्ठिवयं श्री प्रताप भोगीलाल ने अपने पूज्य पिता स्व० श्री भोगीलाल लेहरचन्द जी की पुण्य स्मृति में करवाई थी।
सेठ श्री भोगीलाल लेहरचन्द एक प्रसिद्ध उद्योगपति तथा बम्बई व्यावसायिक समाज के प्रमुख व्यक्ति थे। उनमें लोक-कल्याण की भावना थी ही, शिक्षा के प्रति भी विशेष लगाव था। यह शोध संस्था उन्हीं महान व्यक्ति के नाम से प्रारम्भ की गयी है। राजधानी में अब संरचनात्मक तथा विद्वानोचित सुविधाएं अपेक्षाकृत अधिक सरलता से प्राप्त हो सकती है इसलिए परमपूज्य साध्वी महात्तरा श्री मृगावती जी महाराज ने दिल्ली के बल्लभ स्मारक स्थल पर ऐसी ही एक शोध-संस्था बनवाने की इच्छा प्रकट की। उनकी इस भावना से प्रेरित होकर सेठ श्री प्रताप भोगीलाल ने पाटण में स्थित शोध-संस्था को दिल्ली में पुर्नस्थापित करा दिया तथा इसके
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