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________________ चारों प्रतिमाओं के बीच में आरस का सामरण भी बनाया 2. आचार्य श्री विजय समुद्र सूरीश्वर जी निर्माण कार्य का सुयोग्य निर्देशन शिल्पी श्री अमृतलाल भाई गया है जो पबासन को भव्यता प्रदान करता है। स्मारक भवन के बेसमेन्ट से जिनालय में जाने के लिये त्रिवेदी तथा श्री चंदु भाई त्रिवेदी निरंतर दे रहे हैं जिसको उनके स्मारक भवन के पूर्व तरफ के प्रवेश द्वार से ही जगवल्लभ रंगमंडपों तक दोनों तरफ सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। सुपरवाईजर श्री विष्णु भाई सोमपुरा अत्यन्त लगन से कार्यान्वित पाश्वनाथ प्रभु के दर्शन होते हैं। भवन के रंगमंडप को भी इन्हीं सीढ़ियों से जोड़ा गया है। कर रहे हैं। स्मारक योजना में देहली स्थित आचींटेक्ट श्री सुरेश दोनों रंगमंडपों में चार सुंदर आले (गोखले) बनाये गये हैं गर्भगृह के शिखर पर जैन शिल्प शास्त्रानुसार सुंदर सामरण गोयल, श्री मनोहर लाल जैन तथा उनके सहयोगी श्री एस.एस. जिनमें 21 की गुरु प्रतिमायें विराजमान की जायेगी जिनका क्रम का भी निर्माण किया गया है। इसी पर कलश, ध्वज दंड और संधु का भी सराहनीय योगदान रहा है। इस प्रकार है: ध्वजा 10.2.89 के दिन प्रतिष्ठा के समय स्थापित किये जायेंगे। दक्षिण दिशा के रंगमंडप में : आचार्य भगवान श्री विजय इन्द्रदिन्न सूरि जी के आशीर्वाद यह विवरण अधुरा रह जायेगा यदि मैं श्री हर्षद चावड़ा तथा 1. अनन्तलाब्धि निधान गुरू गौतम स्वामी तथा महत्तरा जी की प्रेरणा एवम् आशीवाद का ही यह सुफल है श्री महेन्द्र सिंह ठेकेदारों और उनके कुशल कारीगरों का उल्लेख 2. आचार्य श्री विजयानंद सूरीश्वर जी कि समस्त निर्माण कार्य निविघ्न चल रहा है। प. पूज्य साध्वी श्री न करूं जिनके अनथक परिश्रम से यह महति कार्य समय पर पूरा उत्तर दिशा के रंगमंडप में : सुव्रता श्री जी, श्री सुयशा श्री जी तथा थी मप्रज्ञा श्री जी हो चुका है और 10.2.89 के शुभ दिन की प्रतीक्षा है जिस दिन 1. आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वर जी कार्यकर्ताओं को सतत् प्रेरणा देकर उत्साहित करती रही हैं। हमारे स्वप्न साकार होगें। anin Educatoo international FOPvate-spemonalise only
SR No.012062
Book TitleAtmavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagatchandravijay, Nityanandvijay
PublisherAtmavallabh Sanskruti Mandir
Publication Year1989
Total Pages300
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size55 MB
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