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बलाचौर में भव्य प्रवेश
दिनांक 12 फरवरी 2004 प्रातः 9 बजे बलाचौर में मूर्तिपूजक समुदाय तथा स्थानकवासी समुदाय ने रथयात्रा का भव्य स्वागत किया। एस. एस. जैन सभा के प्रधान किशन चन्द जैन, उपप्रधान श्री धर्मवीर जैन,
दिनांक 12 फरवरी; बाद दोपहर 3 बजे भव्य रथयात्रा का ज़ोरदार स्वागत किया गया। बैंड बाजे के साथ किसान भवन 35 सैक्टर से 28 सैक्टर तक 40 गाड़ियों के काफिले ने रथयात्रा की अगुवाई करके चण्डीगढ़ वासियों के लिए अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर दिया। गगनभेदी जयकारों के साथ चण्डीगढ़वासी झूमते हुए, नाचते हुए अपने गुरुदेव की स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी को चिरस्मरणीय बनाते हुए, अत्यंत उत्साह के साथ भव्यातिभव्य, अद्भुत रथ में विराजित अलौकिक गुरु प्रतिमा पर पुष्प वृष्टि, सिक्कों की वृष्टि साथ अपने को धन्य मान रहे
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विजय व रथयात्रा
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महामंत्री श्री चरणजीत जैन, श्री आत्मानंद जैन सभा के प्रधान वासदेव जैन आदि ने गुरु प्रतिमा को माल्यार्पण किया गया। जनसमुदाय ने भव्य प्रतिमा के दर्शन - वन्दन करके अपने को धन्य माना।
रूपनगर में पूर्ण उत्साह से
दिनांक 12 फरवरी 2004 बाद दोपहर 11:15 बजे रथ यात्रा का रूप नगर में आगमन होने पर श्रीसंघ के प्रधान श्री मंगतराय जैन की अगुवाई में श्री संघ ने रथ का भव्य स्वागत किया। बैंड बाजे के
चण्डीगढ़ में जनसमूह झूम उठा - जोरदार स्वागत
थे। वर्तमान पट्टधर आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी महाराज की निश्रा में भव्य रथ यात्रा श्री भगवान महावीर जैन श्वेताम्बर मन्दिर पहुंची।
रथयात्रा का अभिनन्दन
साथ भव्य शोभा यात्रा शहर के मध्य निकाली गई। सब के मुख पर था ऐसी भव्य रथयात्रा जीवन में प्रथम बार देखने को मिली है।
विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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