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पट्टी नगर में विजय वल्लभ रथयात्रा
का इन्द्र देवता द्वारा अभिषेक
8 फरवरी 2004, सायं 6:15 : पर रथयात्रा का पट्टी नगर में आगमन; श्री आत्मानन्द जैन सभा पट्टी के प्रधान श्री सुशील कुमार जैन, एस.एस. जैन सभा, पट्टी के प्रधान श्री धर्मपाल जी आदि गणमान्य व्यक्तियों ने रथ का गर्मजोशी से स्वागत किया, गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। श्री
आत्म वल्लभ जैन महिला मण्डल की बहनें मंगल-कलश लिए हुए थीं, श्री महावीर जैन स्कूल एवम् भवन से प्रारम्भ हुई इस रथयात्रा में बैंड बाजे जैन स्कूल के छात्र-छात्राएं, अपार जनसमूह के मध्य आकाश मण्डल से इन्द्र देवता द्वारा गुरु वल्लभ का अभिषेक हुआ। भूमण्डल से श्री आत्मानन्द जैन सभा पट्टी के पूर्व प्रधान श्री सतीश जैन तथा श्री मोहन लाल जैन (लोहे वाले) द्वारा गुरु वल्लभ की इस भव्य रथयात्रा पर सिक्कों की बरसात की गई। श्री महावीर जैन मॉडल स्कूल पट्टी पर रथयात्रा का रात्रि विश्राम हुआ। गुरु वल्लभ की प्रतिमा को श्री कोमल कुमार जैन, श्री यशपाल जैन, श्री अरवीन कुमार, श्री अमित जैन, श्री धर्मपाल जैन आदि गुरुभक्तों द्वारा जैन स्थानक में विराजित किया गया। पट्टी नगर में रात्रि 9:30 बजे भजन संध्या का आयोजन हुआ, प्रधान श्री सुशील कुमार जैन ने ज्योति प्रज्जवलित की। गुरु भक्तों ने गुरु महिमा की सुगन्ध कीर्तन के माध्यम से महकाई। अन्त में आरती लाला पन्नालाल प्रवेश चन्द जी परिवार द्वारा करवाई गई।
बड़े वे भक्तवत्सल थे, सकल श्रीसंघ के प्यारे। भरा वाणी में अमृत था, क्षमा के चन्द्रमा न्यारे।। गुरु फरमान था, पंजाब को नहीं भूल सकते थे।
बिनौली से कभी गुजरांवाला दौड़ पड़ते थे।। “हितैषी विश्व का हूं मैं, नहीं आसक्ति तन की है"। अर्द्ध शताब्दी आज उनकी है, अर्द्ध शताब्दी आज उनकी है।
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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