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कपरथला में भव्य स्वागत
दिनांक 7 फरवरी 2004; जालंधर शहर में गुरु प्रतिमा को रथ में पुनः विराजित करने के पश्चात् वासक्षेप पूजा की गई और रथ ने कपूरथला के लिए प्रयाण किया। प्रातः 11:05 पर कपूरथला नगर में रथ पहुंचने पर भारी संख्या में लोगों ने भव्य स्वागत किया। कपूरथला के निवासियों द्वारा तथा श्रीसंघ के गणमान्य व्यक्तियों ने गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, जयकारों, भजनों के साथ नगर में रथयात्रा निकाली गई।
नकोदर में अत्यंत उत्साह के साथ स्वागत
7 फरवरी, दोपहर दो बजे : जैन स्कूल के छात्र-छात्राएं, बैंड बाजे के साथ भारी जनसमूह ने रथयात्रा का भव्य स्वागत किया। गुरुवल्लभ के जयकारों द्वारा आकाशमण्डल को गुंजाएमान कर दिया, भजनों द्वारा गुरु महिमा का गुणगान किया गया। बाद दोपहर 2:30 बजे नकोदर से प्रस्थान करने के बाद 3:50 बजे रथयात्रा शाहकोट पहुंची जहां शाहकोट श्रीसंघ की ओर से डॉ. कमल जैन के निवास पर रथ यात्रा का अभिनन्दन किया गया।
गुरु वल्लभ के गुरुदेव विजयानंद सरि की जन्म नगरी जीरा में रथयात्रा का
भव्य स्वागत
7 फरवरी, सायं 6 बजे : जीरा श्री संघ ने विजय वल्लभ रथ यात्रा का भव्यातिभव्य स्वागत किया। जैन स्कूल के छात्र-छात्राएं श्री आत्म वल्लभ जैन विद्यापीठ पहुंचे। जीरा संघ द्वारा गुरु वल्लभ की प्रतिमा की आरती उतारी गई और प्रतिमा जी को गुरुदेव श्रीमद् विजयानन्द सूरि जी की समाधि पर विराजित किया गया। गुरु आत्म और गुरु वल्लभ दोनों गुरु भगवंतों की प्रतिमाओं का यह अभूतपूर्व दृश्य-दर्शन-वन्दन-अभिनन्दन द्वारा जनसमूह अपलक निहार रहा था। रात्रि में भजन संध्या के पश्चात् आरती करवाई गई। प्रातः श्री आत्मानन्द जैन सभा ज़ीरा के प्रधान श्री कीमती लाल जैन द्वारा प्रतिमा की वासक्षेप पूजा की गई। कोटकपरा में रथ का भव्य प्रवेश
8 फरवरी, प्रातः 10:50 बजे : रथयात्रा कोटकपूरा में पहुंचने पर श्री आत्मानन्द जैन सभा के प्रधान श्री अशोक कुमार जैन ने श्रीसंघ की ओर से रथ का अभिनन्दन किया। बैंड-बाजे, भारी जनसमूह, श्री लाजवन्ती जैन मॉडल स्कूल के बच्चों ने पूरे जोशोखरोश के साथ जयकारे लगाते हुए रथ यात्रा का स्वागत किया, स्थान-स्थान पर प्रभावना बांटी गई। श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर एवं दादावाड़ी पर रथयात्रा का विश्राम हुआ। बाद दोपहर 2:15 बजे कोटकपूरा से ज़ीरा होती हुई रथयात्रा 6:15 बजे पट्टी नगर में पहुंची।
विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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