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जालंधर में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की गुरु वल्लभ द्वारा स्तुति
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प्रभु पारस भवजल पार कारी, जिन्हों के दर्श से भवताप टारी।। अंचली नगर बनारस में प्रभु जन्म लीनो, पिता अश्वसेन कुल में जस कीनो।।1 ।।
करम आठ दूर कर प्रभु मोक्ष सिधायो, सावन सुदि अष्टमी गिरि शिखर गायो। जालंधर नगर में तुम दरसन आयो, निजातम रूप वल्लभ आज पायो।। प्रभु08
वल्लभ काव्य सुधा पृ. नं. 78
श्रद्धासुमन
दर्शना रानी जैन
कमलेश रानी जैन
महामंत्री
बबीता जैन
कोषाध्यक्ष
प्रथान
___ श्री आत्म-वल्लभ जैन श्राविका संघ
पुराना बाजार, लुधियाना
Sandeep
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Countaline
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