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बैंगलोर
रथयात्रा आगे बढ़ती हुई दिनांक 16.03.2004 को प्रातः 10 बजे भारतवर्ष के सबसे सुन्दर नगर बैंगलोर पहुंची, भगवान धर्मनाथ जैन मन्दिर के प्रांगण में रथ ले जाया गया, जहां श्री भूरचन्द जी चौहान आदि श्रीसंघ के अग्रगण्य नेता उपस्थित थे, लुधियाना से किचलू नगर जिन मन्दिर के संचालक भी उपस्थित थे, गुरुवर की वासक्षेप पूजा करके सभी ने अपने श्रद्धासुमन प्रस्तुत किये।
हुबली -
दिनांक 17.03.2004 रथयात्रा बैंगलोर से रवाना होकर चित्रदुर्ग होते हुए सायं 4 बजे हुबली पहुँची, हुबली से 3 कि.मी. पहले रथयात्रियों ने श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मन्दिर के दर्शन किए, लगभग 5 बजे हुबली शहर पहुँचे, रथयात्रा के स्वागत के लिए सकल श्रीसंघ आया हुआ था। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माल्यार्पण एवम् पुष्प वृष्टि करते हुए रथयात्रा का अपूर्व स्वागत किया गया। उसके बाद सामैया शुरू हुआ, आगे इन्द्र ध्वजा थी, इस के बाद बैंड उस के बाद कलश उठाए महिलाओं ने रथ की तीन प्रदक्षिणाएं की, हुबली नगर के विभिन्न बाज़ारों से होते हुए सामैया कंचाघर गली में श्री शान्तिनाथ जैन देरासर में पहुँचा, रात्रि में भावना कीर्तन का कार्यक्रम हुआ, श्रीसंघ की महिलाओं ने समधुर भजनों द्वारा गुरुवर विजय वल्लभ को अपनी भावांजली भेंट की, रात्रि 10 बजे आरती हुई।
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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