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शत्रुजय तीर्थ नगरी पालीताणा में रथयात्रा का भव्य स्वागत
दिनांक 02.03.2004 प्रातः 6:30 बजे बैंड-बाजों के साथ विजय वल्लभ रथ यात्रा निकाली गई जिसमें श्रमणवृंद श्री हेमचन्द्र विजय जी, श्री दिव्यरत्न विजय जी एवम् सारा श्रमणीवृंद सम्मिलित हुआ और अच्छी शासन की प्रभावना हुई। गुरु वल्लभ के जयकारों से नभ गुंजाएमान हो रहा था।
अहमदाबाद में महावीर विद्यालय की 85 छात्राओं तथा स्टाफ ने गुरुवन्दन किया- 'अभूतपूर्व दृश्य'
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दिनांक 03.03.2004 प्रातः 9 बजे बैंड बाजे के साथ भव्य रथयात्रा अहमदाबाद के विभिन्न बाजारों से निकाली गई। समूचा नगर विजय वल्लभ की जय-जयकार कर रहा था और गुरु वल्लभ के अप्रतिम सौंदर्य को अपलक निहारता हुआ अपने को धन्य मान रहा था। गुरुभक्ति के स्वर गूँज रहे थे: नित उठ शीश नमाऊं मारा गुरु ने, धर्म री राह बताई जी ओ, खम्मा रे खम्मा मारा वल्लभ गुरु ने ज्ञान री जोत जलाई जी ओ ।
विजय वल्लभ रथ यात्रा गुरुकुल पहुँची जहां छात्रों और स्टाफ ने माल्यार्पण द्वारा गुरुदेव का अभिनंदन किया। छात्रों ने गुरुवंदन करते हुए गुरु वल्लभ के समक्ष अपनी भावांजली अर्पित की। तत्पश्चात् महावीर विद्यालय की वउमद भवेजमस में रथ यात्रा पहुंची, जहां छात्राओं तथा स्टाफ ने गुरु वन्दन किया, विद्यालय की 85 छात्राओं ने गुरुवन्दन किया, यह अभूतपूर्व दृश्य देखते ही बनता था। रात्रि में भव्य भजन संध्या का कार्यक्रम हुआ। श्री हीरा भाई गांधी ने रथ संचालकों का बहुमान किया। गायकों ने मधुर कंठ से गुरुभक्ति के मधुर स्वर बिखेर दिए
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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