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राजस्थान के विभिन्न नगरों में विजय वल्लभ
रथयात्रा का वंदन-अभिनंदन दिनांक 26.02.2004 प्रातः 9:30 बजे विजय वल्लभ रथयात्रा नागौर पहुंची। श्रीसंघ के अग्रगण्य पदाधिकारियों सहित समूचा श्रीसंघ रथयात्रा के दर्शन-वंदन के लिए पहुँचा हुआ था। गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और गुरुभक्ति के गीत गाए गए। दिनांक 26.02.2004 बाद दोपहर 2 बजे रथयात्रा जोधपुर पहुंची। श्री भैरु बण श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ तथा धार्मिक क्रिया भवन संघ के सदस्यों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री भैरु बण तीर्थ पर ही आरती बोली द्वारा करवाई गई। दिनांक 26.02.2004 सायं 5:30 बजे रथयात्रा पाली नगर में पहुंची। श्रीसंघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अगुवाई में सम्पूर्ण श्रीसंघ ने रथयात्रा का स्वागत किया। गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात् वासक्षेप पूजा की गई आरती बोली द्वारा करवाई गई जिसमें समूचे श्रीसंघ ने भाग लिया। दिनांक 27.02.2004 प्रातः 7 बजे गुरु वल्लभ की सद्प्रेरणा से स्थापित वरकाना गुरुकुल के प्रबन्धक एवम् विद्यार्थियों ने अपने सर्वेसर्वा गुरु वल्लभ की रथयात्रा का अभूतपूर्व स्वागत किया, गुरुवंदन किया गया। स्कूल का बैंड गुरुदेव के स्वागत के लिए गुंजाएमान हुआ। दिनांक 27.02.2004 प्रातः 10 बजे रथयात्रा बिजोवा नगरी पहुंची जहाँ श्रीसंघ के सदस्यों ने गुरु प्रतिमा पर माला पहनाई, श्रद्धा के पुष्प अर्पित किए और अपने को धन्य माना। दिनांक 27.02.2004 विजय वल्लभ रथयात्रा बिजोवा से रानी पहुंची जहाँ रानी कन्या विद्यालय में पहुंचे। विद्यावाड़ी के स्कूल बैंड, स्टाफ के सदस्यों एवं छात्र छात्राओं द्वारा रथ का अभूतपूर्व स्वागत किया गया। विद्यावाड़ी की प्रबन्धिका एवम् संस्थापक सदस्या श्रीमती सुभद्रा देवी द्वारा माल्यार्पण किया गया। स्कूल के प्रांगण में ही सामैया का आयोजन किया गया। वहां रानी श्रीसंघ के आगेवान भाई भी पहुंचे हुए, उन्होंने रथ को रानी ले जाने के लिए अनुरोध किया लेकिन समय की अनुकूलता न होने के कारण रथ आगे बढ़ चला। दिनांक 27.02.2004 रानी से फालना पहुंचे जहां श्रीसंघ के सदस्यों द्वारा अपूर्व स्वागत किया गया दर्शन-वंदन किया गया पुष्प वृष्टि, माल्यार्पण द्वारा रथ का स्वागत किया गया। सामैया को स्कूल के प्रांगण में ले जाया गया। फालना से बाली, सादड़ी होते हुए रथयात्रा राणकपुर तीर्थ पहुँची, तीर्थ वंदन के पश्चात् सायं 6 बजे सायरा पहुंचे वहाँ पन्यास न्याय विजय जी पधारे हुए थे। सायरा के भाई-बहनों ने रथयात्रा का स्वागत किया। रथयात्रा उदयपुर, पालनपुर से होती हुई दिनांक 29.02.2004 पाटन पहुँची पंजाबी भाई-बहनों तथा सागर उपाश्रय श्री संघ बालों ने रथयात्रा का स्वागत किया। गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। शहर में सामैया निकाला गया। शोभा यात्रा के दौरान पंजाबी भाईयों द्वारा गुरुभक्ति की गई। सागर उपाश्रय में धर्मसभा हुई जहां विराजित साधु महाराज ने प्रवचन दिया। पंजाबी भाई श्री रामचंद शादी लाल जी द्वारा संघ पूजा की गई। तत्पश्चात् प्रभावना भी बांटी गई। दिनांक 29.02.2004 गुरु वल्लभ की दीक्षा स्थली राधनपुर में विजय वल्लभ रथयात्रा लगभग 4 बजे पहुंची जहां वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित श्रीसंघ ने स्वागत किया, गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जैन मन्दिर के पास वहां विजय वल्लभ सूरि जी की देहरी है वहां पर धर्मसभा हुई जहां गुरु वल्लभ का गुणगान किया गया। शंखेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ वंदन करते हुए वीरमगांव, बढ़वाणा, लीम्बड़ी होते हुए प्रातः 9 बजे पालीताणा पहुंचे।
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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