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स्वः मोहनलाल बांठिया स्मृति ग्रन्थ
इसके सम्पादक श्री मोहनलाल बांठिया और श्रीचन्द चौरड़िया हैं और प्रकाशन किया है जैन दर्शन समिति, कलकता ने सन १६६६ में। श्री बांठिया जैन दर्शन के सक्षम विद्वान हैं। उन्होंने जैन विषय कोष की एक लम्बी परिकल्पना बनाई थी और उसी के अन्तर्गत यह द्वितीय कोष के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस कोष का भी संकलन दशमलव वर्गीकरण के आधार पर किया गया है और उनके उपविषयों की एक लम्बी सूची है । क्रिया के साथ ही कर्म विषयक सूचनाओं को भी इसमें अंकित किया गया है। लेश्या कोष के समान ही इस कोष के संपादन में भी पूर्वोक्त तीन बातों का आधार लिया गया है। इसमें लगभग ४५ ग्रंथों का उपयोग किया गया है। जो प्रायः श्वेताम्बर आगम है। कुछ दिगम्वर आगमों का भी उपयोग किया गया है संपादक ने उक्त दोनों कोषों के अतिरिक्त पुदगल कोष, दिगम्वर लेश्या कोष, परिभाषा कोष को भी संकलन किया था, परन्तु अभी इनका प्रकाशन नहीं हो सका है। इस प्रकार के कोष जैन दर्शन को समुचित रूप से समझने में निसंदेह उपयोगी होते हैं ।
· डाः नेमिचन्द जैन
Jain Education International 2010_03
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