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वर्धमान जीवन कोष
समीक्षा
वर्धमान जीवन कोश (द्वितीय खण्ड) में भगवान महावीर के जीवन सम्बन्धी अनेक भवों की विचित्र एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह कार्य अति उत्तम एवं प्रशंसनीय
इसके लेखक मोहनलालजी बांठिया तथा श्रीचन्दजी चोरड़िया के श्रम का ही सुफल है कि यह ग्रन्थ इतना सुन्दर एवं सुरम्य बन सका है। शोधकर्ताओं के लिए यह ग्रन्थ काफी उपयोगी होगा - ऐसा विश्वास है। रिसर्च करने वालों को भगवान वर्धमान के संबंध में सारी सामग्री इस ग्रन्थ में उपलब्ध हो सकेगी।
- मुनिश्री जसकरण, सुजान, (सुजानगढ़ वाले)
वर्धमान जीवन कोष (द्वितीय) कड़ी मेहनत से तैयार किया है। इस समय का यह ग्रन्थ अत्यन्त उपयोगी ग्रन्थ मंथन है। यह पढ़ने वालों से भी मनन करने वालों के लिए सरल और बिलकुल सही साबित हुआ है और होता रहेगा। इसमें प्रसंग क्रमशः है परन्तु ऐसा होते हुए भी अलग-अलग है।
- मानकमल लोढा, दीमापुर (नागालैण्ड)
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