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। स्व: मोहनलाल बाठिया स्मृति ग्रन्थ
तथा सक्रिय कार्यकर्ता श्री बलाई राय के साथ हमलोगों ने मेयर श्री विजयकुमार बनर्जी से मिलकर स्थिति का स्पष्टीकरण किया। उन्होंने स्वयं जांच की एवं एक वक्तव्य देकर इस धारणा को निर्मूल किया।
रायपुर में उनके साथ महामंत्री के रूप में मुझे कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। रायपुर के नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें न्यायालय नहीं भेजने के स्थान पर हमलोग न्यायालयों में जाते थे। हिंसा का वातावरण चरम सीमा पर था। हमे अस्त्र भी दिखाए जाते थे, पर इसकी परवाह नही करते हुए अपने कर्तव्य को चालू रखा। मध्य प्रदेश सरकार और केन्द्रीय सरकार द्वारा जब्ती के आदेश को वापस लेने से इन्कार करने पर उन्होंने ‘अग्नि परीक्षा' पुस्तक पर प्रतिबन्ध के खिलाफ जब्बलपुर न्यायालय में अपील करने का निर्णय लिया। उस समय रायपुर में केन्द्रीय रक्षा दल की पुलिस तैनात थी। कुछ नेताओ ने कहा कि हमें समाज कहेगा कि मध्य प्रदेश सरकार को नाराज करने से सरकार सी आर पी को हटा सकती है। सुरक्षा नहीं रह पायेगी। हमलोगों ने कहा कि आने वाली पीढ़ी यह भी कह सकती है कि महासभा के पास अपील का अधिकार था। उसका क्यों नहीं उपयोग किया गया। सेवाभावी मुनि श्री चम्पालालजी ने उपस्थित सेवार्थी भाई बहिनों को उपदेश दिया कि जो भी भय से संशकित है वे अभी मंगलीक सुनें। उन्होंने मुझे उपदेश दिया कि निर्भय होकर संघ हित में जो भी करना पड़े तो विना समय गंवाए करो। श्री बांठियाजी ने अपील का मसविदा तैयार किया। उसे लेकर मैं बिलासपुर आया तथा वहां वकीलों को दिया गया व उनसे परामर्श कर अपील को अन्तिम रूप देकर उच्च न्यायालय में अपील की गई। तब तक श्री बांठियाजी भी जब्बलपुर आगये। उन्होंने देश-विदेश की सौ से ऊपर रामायण का पारायण किया। जहां एक तरफ मध्य प्रदेश शासन की ओर से पैरवी के लिए राज्य के प्रधान अधिवक्ता खड़े हुए, वहां हमलोगों की ओर से देहली से भारत के सुप्रसिद्ध विधिवेत्ता भूतपूर्व कानून मंत्री श्री अशोक कुमार सेन खड़े हुए। जब्बलपुर न्यायालय में अपने किस्म का एक ही मामला था। न्यायाधीशो ने बड़ी तन्मयता से मामले की सुनवाई की। न्यायाधीशों ने अग्नि परीक्षा पुस्तक में सीता के बारे में लिखी गई स्तुति को अशोक सेन से गायन के रूप में सुनी।
__ न्यायालय का कक्ष खचाखच भरा था । न्यायालय ने कुछ दिन बाद अग्नि-परीक्षा पुस्तक को प्रतिबन्ध से मुक्त करने का फैसला दिया। उसी दिन आकाशवाणी से यह समाचार प्रसारित हुआ। इस फैसले की जानकारी प्राप्तकर समूचा समाज प्रसन्नता
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