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श्रद्धा सुमन
बहुमुखी प्रतिभा के धनी
- कन्हैयालाल सेठिया साहित्य मनीषी, कलकता
स्व. बांठियाजी की प्रतिभा बहुमुखी थी। वे मनीषी, मूर्धन्य विद्वान, प्रखर वक्ता और निर्भीक व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जैन शास्त्रों का गहन अध्ययन किया और उनके सन्दर्भ में आगम प्रकाशन योजना को मूर्त रूप देने में सक्रिय योगदान दिया। तेरापंथ समाज की सभी गतिविधियों से वे सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। उनका जीवन संयमित और अनुशासित था। मैं कलकत्ता में रहता था तब तो उनसे मिलना जुलना होता ही था पर वे आचार्यश्री के दर्शनार्थ सुजानगढ़ आए थे तो उनसे जैन दर्शन के बारे में खुलकर बातचीत हुई। वे किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं थे, वे सत्यानुवेशी थे। उनका स्मृति ग्रंथ वस्तुतः जैन दर्शन समिति की एक महान उपलब्धि होगी। मेरी मंगलकामना स्वीकार करें।
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