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fafia कोहं अविकंपमाणे
क्रोध पर विजय पाने के लिए अकंपान वृत्ति का अवलंबन लो । खमासूरा अरहन्ता
जो क्षमाशूर होते हैं वे ही अहंत होते हैं ।
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खम्मामि सव्वजीवाणं, सव्वे जीवा खमंतु मे । मित्तिमे सव्वभूएसु, वैरं मज्झं ण केणवि ॥
मेरा सब जीवों के प्रति क्षमाभाव है, सब प्राणी मुझे क्षमा करें, प्राणीमात्र से मेरी मैत्री है, वैर किसी से भी नहीं है - ऐसी भावना रखो ।
मा नो द्विक्षत कश्चन् हम किसी से भी द्वेष न करें ।
नामस्स दुक्खमिच्छेय
कोई भी किसी दूसरे के लिए दुःख की इच्छा न करें ।
सव्वे सत्ता अवेरिनो होन्तु मा वेरिनो
सभी व्यक्ति अवर बनें, कोई भी किसी के साथ वैर न रखे ।
सव्वे सत्ता भवन्तु सुखवत्ता जगत के सभी प्राणी सुखी हों, सुखी रहें ।
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